
नई दिल्ली। देश की राजधानी में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में किए गए घोटालों का जिन्न फिर से बाहर आने वाला है। पब्लिक अकाउंट्स कमिटी ने ने 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इसमें पूर्व मनमोहन सिंह की आलोचना हुई है। कहा गया है कि उन्होंने कलमाड़ी को अपने हिसाब से फैसले लेने दिए और इसके चलते इन खेलों में घोटाले हुए।
भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली पीएसी कॉमनवेल्थ खेलों में हुई अनियमितताओं को लेकर दायर की गई कैग रिपोर्ट की जांच कर रही है।
रिपोर्ट में है कि राष्ट्रीय महत्व से जुड़े प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदारी बदलने के बजाय प्रभावी फॉलो अप पर ध्यान देना चाहिए। पीएमओ का यह कहना है कि खेल मंत्रालय ने इसके कारण सही तरीके से बता दिया वह टालमटोल वाला है। कैबिनेट सचिव जिम्मेदारी तय करने में नाकाम रहे और वह राजनीतिक दबाव में झुक गए। इस रिपोर्ट को लेकर सभी पार्टियों ने सहमति जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन खेल मंत्री दिवंगत सुनील दत्त को कई मुद्दो पर आपत्तियां थी, जिन्हें नजरअंदाज किया गया। इसका खामियाजा भी उठाना पड़ा। कमिटी ने सीबीआई से छह मामलों में जांच को फिर से शुरू करने को कहा है। इनमें तेजी से जांच करने को कहा गया है।
कमिटी ने सीबीआई से घोटाले के बंद किए गए मामलों में नए सिरे से जांच शुरू करने को कहा है। कलमाडी़ और उनके करीबी लोगों पर सीबीआई ने 33 केस दर्ज किए थे।
हाल ही में कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अध्यक्षता में पीएसी की बैठक में रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। मोदी सरकार के आने के बाद से यह रिपोर्ट रूकी हुई थी लेकिन अब इसे अपना लिया गया है।
जिस तरह से सरकार की सर्वोच्च संस्था का बाहरी प्रभावों द्वारा दुरुपयोग किया गया इसकी पीएसी ने आलोचना की है। उन्होंने भविष्य में सजग रहने की बात कही है। कमिटी ने कलमाड़ी को ऑर्गेनाइजिंग कमिटी का चेयरमैन बनाए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं।
बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए घोटाले की आंच दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक भी पहुंची थी। इस मामले में सुरेश कलमाड़ी को जेल भी जाना पड़ा था। दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भी इन आरोपों के छीटें लगे थे।