डीएम के फर्जी हस्ताक्षर मामले में मिले सुराग कर देंगे आपको हैरान

डीएम के फर्जी हस्ताक्षरलखनऊ। कानपूर डीएम के फर्जी हस्ताक्षर पर नगर निगम के एक्सईएन के निलंबन मामले के अहम सुराग हाथ लगे हैं। इस फर्जीवाड़े के पीछे एक गिरोह होने की बात सामने आ रही है। फिलहाल मामले की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है। प्रकरण में तीन-चार लोगों के नाम भी सामने आए हैं जिनकी तसदीक की जा रही है। खुद डीएम का भी मानना है कि बड़ी सधी हुई साजिश की गई। यह तय है कि उसी ने एक गिरोह के जरिए यह फर्जीवाड़ा किया जिसका इस निलंबन से फायदा हो।

डीएम के फर्जी हस्ताक्षर मामले में बड़ा खुलासा

इसी तरह की घटना डीआईओएस कार्यालय के बाबू को भी निलंबित कराने के लिए हुई थी मगर तब कार्रवाई से पहले ही इसका खुलासा हो गया था। शासन स्तर पर जो पत्र पहुंचा था उसमें भी फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।

क्राइम ब्रांच की पड़ताल में यह बात भी साफ हो गई है कि जो गैंग इस काम को कर रहा था उसे अंदेशा ही नहीं था कि मामला तूल पकड़ जाएगा। साजिश यही थी कि चुनाव की आदर्श आचार संहिता में हो रही कार्रवाई की फेहरिस्त में यह काम भी हो जाएगा और किसी को खबर नहीं होगी। किसी अफसर के यह समझ में नहीं आएगा कि सारी योजना कैसे बनी।

खास बात यह है कि शासन के नगर विकास अनुभाग-4 द्वारा जारी किए गए आदेश में डीएम को प्रति नहीं भेजी गई थी। सीधे जांच अधिकारी कमिश्नर के अलावा निदेशक नगर निकाय, नगर आयुक्त कानपुर और डीएम गोंडा को आदेश भेजा गया। प्रमुख सचिव एसपी सिंह की जगह ओएसडी के हस्ताक्षर से आदेश जारी हुआ। मेल पर आदेश नगर आयुक्त कार्यालय के पास आया था। डीएम ने जब शिकायती पत्र संग जांच की फर्जी रिपोर्ट मंगाई तो सच सामने आ गया।

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