रूसोफोबिया के चक्कर में यूरोप ने सामान्य समझ गंवा दी
म्युनिख| रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को यूरोप पर आरोप लगाया कि उसने अपनी नीतियों में रूस विरोधी भावनाओं को भर कर अपनी सामान्य समझ गंवा दी है।
रूसी विदेश मंत्री
लावरोव यहां 53वें म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में जुटे वैश्विक नेताओं और राजनयिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संस्थानों ने रूसोफोबिक रवैए अपनाकर अपनी सामान्य समझ गंवा दी है।
जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि नाटो शीतयुद्ध की एक संस्था बना रहेगा।
लावरोव ने हालांकि स्वीकार किया कि मॉस्को वाशिंगटन के साथ अपने संबंध सुधारना चाहता है, और यह संबंध पारदर्शिता, आपसी सम्मान और एक साझी वैश्विक जवाबदेही पर आधारित होगा।
सम्मेलन में इसके पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि रूस और यूरोप के बीच संबंध चुनौतीपूर्ण हैं, यद्यपि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में मॉस्को की संलिप्तता के महत्व को रेखांकित किया।
मर्केल ने रूस से मिंस्क समझौते के सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। मिंस्क समझौता पूर्वी यूक्रेन के डोनबाद क्षेत्र के लिए एक संघर्ष विराम समझौता है, जहां 2014 से ही रूस समर्थक विद्रोहियों और यूक्रेन की कीव सरकार के बीच गृहयुद्ध जारी है।
लवरोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संघर्ष विराम कार्यक्रम से बाध्य हैं और यूक्रेन सरकार को अपना फर्ज निभाने की जरूरत है।