PM मोदी ने की ‘राष्ट्रीय कृषि मंडी’ की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य दिलाने को लेकर संविधान निर्माता भीम राव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार से आठ राज्यों में राष्ट्रीय कृषि मंडी की शुरूआत की।
मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में आठ राज्यों की 21 मंडियों के लिए राष्ट्रीय कृषि मंडी के ‘ई-ट्रेडिंग’ पोर्टल का शुभारंभ किया । पायलट परियोजना के तौर पर गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड तथा हिमाचल प्रदेश में इस योजना की शुरूआत की जा रही है।
देश के 12 राज्यों ने 365 मंडियों में ई-ट्रेडिंग का प्रस्ताव किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है, लेकिन प्रयोग के तौर पर आठ राज्यों की 21 मंडियों को इसके लिए चुना गया है। इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अधिकांश राज्यों ने ई ट्रेडिंग के लिए अपनी सहमति दी है, जबकि बिहार और केरल में मंडी कानून नहीं है।
पंजाब ने इसके लिए अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है। इस अवसर पर कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, कृषि राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान तथा कृषि राज्य मंत्री मोहनभाई कुंदरिया भी उपस्थित थे।
सरकार ने इस वर्ष 25 सितम्बर तक 200 मंडियों को ई-ट्रेडिंग से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है तथा मार्च 2018 तक देश की 585 प्रमुख मंडियों में यह कारोबार शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में कोई बड़ी मंडी नहीं है और इन राज्यों में जैविक बाजार की स्थापना की जाएगी।
राज्यों ने ई-ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अपने-अपने मंडी कानूनों में बदलाव किया है, जिससे अब बड़ी संख्या में व्यापारी इस करोबार में हिस्सा ले सकेंगे। इसके तहत पूरे राज्य में मंडी व्यापार के लिए केवल एक लाइसेंस जारी किया जाएगा, एक ही जगह शुल्क की वसूली होगी तथा देश की अलग-अलग मंडियों में फसलों के मूल्यों की जानकारी मिल सकेगी।
इन मंडियों में गेहूं, धान, चना, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ, मूंगफली, सोयाबीन, सरसों, अरहर, उड़द, मसूर, मूंग, लालमिर्च, जीरा, कपास, आलू, प्याज, सेब, हल्दी, छिलकेदार मटर, महुआ का फूल, इमली तथा अरंड का बीज का व्यापार किया जा सकेगा।