
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पूरे देश में खलबली मचा दी है। नोटबंदी के पूरे तीन महीने बीत जाने के बाद अब पुराने नोटों पर एक और अहम फैसला लिया गया है। इसके तहत अब घर में घुसकर नोटों की जांच की जाएगी। जांच में यदि किसी के पास 10 से ज्यादा पुराने नोट पाए जाते हैं तो उस पर 10 हजार तक का जुर्माना या फिर जेल भी हो सकती है।
घर में घुसकर नोटों की जांच
सरकार ने इस संबंध में एक विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे मनी बिल के रुप में पेश किया है।
शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक के बाद विपक्ष ने काफी हंगामा किया। विपक्ष का सरकार पर आरोप था कि विधेयक अवैध है, क्योंकि सरकार ने नोटबंदी को भी बिना किसी के अधिसूचना के लागू कर दिया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली और तृणमूल कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर हमला बोला।
रॉय ने कहा, ‘यह विधेयक वास्तविक रूप से अवैध है, क्योंकि प्रधानमंत्री का नोटबंदी पर मूलभूत बयान बिना किसी अधिसूचना के अवैध रूप से 8 नवंबर को आया था। इसे लेकर संसद को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।’
विधेयक लोकसभा में तो आसानी से पास हो जाएगा। लेकिन राज्यसभा में इसके पास होने में काफी मुश्किल आएगी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में सरकार के पास बहुमत है, इसलिए विधेयक पारित कराने में कोई मुश्किल नहीं होगी।
कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां यह कोशिश करेंगी कि विधेयक बजट सत्र के पहले हिस्से में पारित नहीं हो सके।
ऐसे में इसे राज्यसभा की मंजूरी जरूरी नहीं है। पर विपक्षी पार्टियां विनिर्दिष्ट बैंक नोट विधेयक-2017 में संशोधन पेश कर सकती है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।
ऐसे में राज्यसभा विधेयक में कोई संशोधन पारित करती है, तो सरकार को विधेयक पर संशोधित रुप में एक बार फिर लोकसभा की मुहर लगवानी जरुरी होगी।