नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल स्टैंडिंग कमिटी ऑफ फाइनैंस के सामने पेश हुए। खबर के मुताबिक उर्जित पटेल ने जानकारी दी कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ की नई करंसी आ चुकी हैं। लेकिन बैंकों में कितनी नई करंसी जमा हुई, इस सवाल पर उर्जित पटेल की खामोशी कई सवाल खड़े कर गई।
वित्त मामले की स्थाई समिति के सदस्य टीएमसी के सुगत रॉय का कहना है कि आरबीआई गवर्नर हमें यह बताने में असफल रहे कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास कितने पैसे आए। रॉय की माने तो उर्जित पटेल यह भी नहीं बता पाएं कि हालात कब तक सामान्य होंगे। उनके मुताबिक आरबीआई गवर्नर बचाव की मुद्रा में ज्यादा नजर आए।
Nor was he able to tell us when system will be normal;RBI officials were defensive: Saugata Roy(TMC),Standing Committee on Finance member pic.twitter.com/ZDrgDoR0L2
— ANI (@ANI) January 18, 2017
वहीं एएनआई की मानें तो वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने नोटबंदी के पक्ष और विपक्ष को लेकर जनवरी 2016 से ही चर्चा शुरू हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक स्थाई समिति ने जब अधिकारियों से पूछा कि नोटबंदी के बाद कितने नोट वापस आए, तो अधिकारी खामोश रह गए।
अनुमान है कि 8 नवंबर को सरकार ने जब नोटबंदी का फैसला किया तो 500 व 1000 रुपये के नोटों के रूप में 15.44 लाख करोड़ वैल्यू की करंसी का अनुमान जताया गया था। उर्जित पटेल को 20 जनवरी को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के सामने भी पेश होना है।
उर्जित पटेल को अभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थामस की अध्यक्षता वाली पीएसी का भी सामना करना है, जहां यह कमेटी नोटबंदी से जुड़े सवाल उनसे करेगी। केवी थॉमस पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर समिति उर्जित के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई तो उसके पास पीएम को भी तलब करने का अधिकार प्राप्त है।
RBI's autonomy is lost, it has now become a rubber stamp of the Government: Ghulam Nabi Azad,Congress pic.twitter.com/2w3aeG02Jm
— ANI (@ANI) January 18, 2017
वहीं दूसरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल पर हमला बोलते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि आरबीआई की स्वायत्तता खो गई है और यह केंद्र सरकार का रबर स्टैंप बन गई है।