जम्मू एवं कश्मीर में 8 आतंकवादी ढेर, 12 सुरक्षाकर्मी घायल

श्रीनगर/जम्मू| जम्मू एवं कश्मीर में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में गुरुवार को आठ आतंकवादी मारे गए। इनमें से एक मुठभेड़ में पुलिस, अर्धसैनिक बल व सेना के 12 कर्मी घायल हो गए। मारे गए 8 आतंकवादियों में से तीन पाकिस्तानी थे।

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इसमें से तीन को पाकिस्तान से लगे कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मार गिराया गया। जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकवादियों को सोपोर कस्बे में व जेईएम से ही संबद्ध तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को रियासी जिले में 33 घंटे चली लड़ाई में मार गिराया गया।

जवानों ने कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के करीब दत गली इलाके में संदिग्ध गतिविधियां देखीं और घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक छोटे समूह को चुनौती है, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।

रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने कहा, “तीन आतंकवादी मारे गए। उनके शव सीमा बाड़ के निकट हैं व उन्हें अब तक बरामद नहीं किया गया है।”

जेईएम के दो आतंकवादी सोपोर के अरमपोर इलाके में मारे गए।

पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने आतंकवादियों के मौजूद होने की जानकारी मिलने के बाद सुबह इलाके को घेर लिया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “घेराबंदी सख्त होने पर आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी।”

जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल अरविंद भाटिया ने कहा कि रियासी जिले में एक संयुक्त अभियान में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया। इनका संबंध भी जेईएम से था।

उन्होंने कहा कि इन्होंने हाल में पाकिस्तान से जम्मू एवं कश्मीर के संबा सेक्टर में घुसपैठ की थी।

माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के पास ककरियाल गांव में पाकिस्तानी आतंकवादियों को 33 घंटे की मुठभेड़ में मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि एक उप पुलिस निरीक्षक सहित 12 सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि घायलों में एक मेजर व सेना के दो पैरा कमांडो, पांच सीआरपीएफ जवान व तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “कटरा कस्बे के नारायणा अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों ने सभी को खतरे से बाहर बताया है।”

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झज्जर के घने जंगलों में और आसपास के इलाकों में आतंकवादियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अन्य निगरानी गैजेट का इस्तेमाल किया गया।

आतंकवादियों का पता चलने के बाद इन पर हमला करने से पहले ग्रामीणों से इलाके को खाली करवा दिया गया।

इससे पहले एक ग्रामीण ने सुरक्षा बलों को बताया था कि बुधवार की रात तीन हथियारबंद आतंकवादी उनके घर में दाखिल हुए, अपने कपड़े बदले और बिस्किट खाने और पानी पीने के बाद वहां से चले गए।

नगरोटा और झज्जर कोतली के बीच राजमार्ग पर यातायात गुरुवार को बंद रहा। इलाके के स्कूल भी बंद रहे।

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