65,250 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा, सरकार को मिलेंगे करीब 30 हज़ार करोड़

कालेधननई दिल्ली। देश के भीतर रखे कालेधन के खुलासे के लिए लाई गई केंद्र सरकार की ‘आय घोषणा योजना (आईडीएस)’ के तहत 65,250 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा हुआ है। यह देश में अब तक की सबसे बड़ी खुलासा योजना साबित हुई है। इससे कर और जुर्माने के तौर पर सरकार को 29,362 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में आईडीएस योजना के तहत की गई घोषणाओं की जानकारी देते बताया कि 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपए का खुलासा किया है। सरकार का मानना है कि कालेधन खुलासे का यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। दस्तावेजों में और ऑनलाइन जो भी जानकारी मिलीं हैं उन्हें संकलित किया जा रहा है।

जेटली ने कहा कि यह योजना एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर आधी रात तक खुली थी। योजना से मिलने वाले कर से चालू वित्त वर्ष के दौरान 14,700 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में आएंगे।

जेटली ने  कहा, ‘कुछ घोषणाओं को अभी तालिकाबद्ध नहीं किया गया है, सभी घोषणाओं के तालिकाबद्ध होने के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है।’ सरकार ने इस साल के बजट में इस योजना की घोषणा की थी।

ऐसी संपत्ति जिसका अब तक कर विभाग के समक्ष खुलासा नहीं किया गया था, उसके खुलासे के लिए यह एकबारगी योजना पेश की गई थी। इसमें 45 प्रतिशत कर एवं जुर्माने का भुगतान कर करदाता अपनी स्थिति को पाक-साफ कर सकते हैं।

इस योजना के तहत अब तक सामने आए खुलासों से सरकार को कर और जुर्माने के रूप में कुल 29,362.5 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। करदाताओं की सुविधा के लिए कर और जुर्माने का भुगतान किस्तों में किया जा सकेगा। इसमें से करीब आधी राशि इसी वित्त वर्ष में सरकार को मिल सकती है जबकि शेष राशि का भुगतान 30 सितंबर 2017 तक होगा।

बनाए रखेंगे घोषणाओं की गोपनीयता 

जेटली ने आय खुलासा योजना की जानकारी देने के बाद कहा, ‘हम इन घोषणाओं के बारे में गोपनीयता बनाये रखेंगे’’ उन्होंने कहा कि जो कर मिलेगा उसे भारत की संचित निधि में रखा जाएगा और उसका इस्तेमाल जनकल्याण की योजनाओं में किया जाएगा। जितनी घोषणाएं हुईं हैं उनके हिसाब से प्रति घोषणा औसतन एक करोड़ रुपए का खुलासा किया गया है।

सरकार ने पिछले साल इसी तरह की एक योजना विदेशों में रखी अद्योषित संपत्ति के खुलासे के लिए भी जारी की थी। हालांकि, उस योजना में ज्यादा सफलता नहीं मिली। उसमें 644 लोगों ने विदेशों में अपनी आय और संपत्ति की घोषणा की जिससे सरकार को 2,428 करोड़ रुपए का कर प्राप्त हुआ।

आईडीएस योजना की तुलना वीडीआईएस से नहीं

वर्ष 1997 में कालेधन की घोषणा के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वैच्छिक आय घोषणा (वीडीआईएस) योजना जारी की थी जिसमें सरकार को 9,760 करोड़ रुपए का कर मिला। जेटली ने कहा, ‘वर्ष 1997 में योजना से 9,760 करोड़ रुपए का कर जुटाया गया।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि उस समय की योजना और आईडीएस योजना की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि ये दोनों योजनाएं अलग-अलग हैं।

जेटली ने कहा कि स्वैच्छिक आय घोषणा योजना (वीडीआईएस) पूरी तरह से माफी योजना थी जबकि इस साल लाई गई आईडीएस में 45 प्रतिशत की दर से कर और जुर्माना लगाया गया है। इसके विपरीत 1997 की योजना में कर की प्रभावी दर इकाई अंक में थी।

जेटली ने इसके साथ ही पिछले दो साल के दौरान बिना हिसाब किताब वाली राशि का पता लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग की जांच पड़ताल और छापों में 56,378 करोड़ रुपए पकड़े गये जबकि 16,000 करोड़ रुपए की राशि रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों से मिली है।

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