600 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी शुरू करेंगे ये परंपरा, पूरी दुनिया बनेगी गवाह

600 साललखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 600 साल बाद नई परंपरा शुरू करने जा रहे हैं। इस परंपरा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से होगी। दरअसल, इस बार लखनऊ में प्रधानमंत्री रामलीला के गवाह बनेंगे। खबरें हैं कि ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला देखने का आमंत्रण प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।

पीएम मोदी 11 अक्टूबर को लखनऊ आएंगे। वे दशहरा यहीं मनाएंगे। ऐशबाग की रामलीला में वह रावण दहन के दौरान मौजूद रहेंगे। इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि ऐशबाग रामलीला कमेटी से जुडे भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष डा़ दिनेश शर्मा ने बताया है कि दशहरे के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। उनके आने की पूरी सम्भावना है।

600 साल पुरानी लखनऊ की रामलीला

डॉ दिेनेश शर्मा ने बताया कि ऐशबाग की रामलीला 15वीं शताब्दी में शुरू की गयी थी और तब से लगातार आयोजित की जा रही है। यह रामलीला साम्प्रदायिक सौहार्द्र का भी प्रतीक है क्योंकि रामलीला स्थल से सटा हुआ ईदगाह है, लेकिन कभी कोई विवाद नहीं हुआ। दोनों सम्प्रदाय के लोग मिलजुलकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कई बार मुस्लिम कलाकारों ने रामलीला में मंचन किया है। यहां देश-विदेश के कलाकार भी आते रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा को यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि रामलीला के बहाने वह यूपी चुनाव को भी साधना चाहेंगे।

परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आमतौर पर दिल्ली में दशहरा मनाते हैं। वे दिल्ली के रामलीला मैदान में जाकर रावण के पुतला दहन को देखते हैं। उस दिन दिल्ली की रामलीला में काफी चहल-पहल रहती है। लेकिन, श्री मोदी यदि इस बार लखनऊ की रामलीला में आते हैं तो यह पहला मौका होगा जब किसी प्रधानमंत्री की दशहरा के मौके पर यहां मौजूदगी होगी।

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