हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से 6 लोगों की मौत, इतने लापता
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्रों में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ के बाद अब तक छह शव बरामद किए गए हैं, जबकि 53 लोग अभी भी लापता हैं।
डीडीएमए के विशेष सचिव डीसी राणा के अनुसार, बाढ़ से साठ से अधिक घर बह गए और कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार डीसी राणा ने बताया, “शिमला जिले के समेज क्षेत्र, रामपुर क्षेत्र, कुल्लू के बाघीपुल क्षेत्र और मंडी के पद्दार क्षेत्र में बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है। 53 लोग लापता हैं और छह शव बरामद किए गए हैं।” डीसी ने आगे बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें फंसे हुए लोगों के बचाव में समन्वय कर रही हैं।
दल फटने की घटना 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्य रात्रि को हुई। रामपुर में मरम्मत कार्य चल रहा है, जहां बादल फटने और उसके बाद आई बाढ़ ने रामपुर और समेज क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस बीच, भारतीय सेना ने बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक अस्थायी पुल बनाया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार मंडी में सबसे अधिक पांच लोगों की मौत हुई, जबकि कुल्लू में एक व्यक्ति की मौत हुई। शिमला में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
शिमला में अब तक सबसे ज़्यादा 33 लोग लापता बताए गए हैं, उसके बाद कुल्लू में नौ और मंडी में छह लोग लापता बताए गए हैं। कुल 55 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है और 25 लोग फंसे हुए बताए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार 61 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 42 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि कुल्लू में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। एनडीआरएफ टीम ने सफलतापूर्वक बचाव अभियान चलाया और मलाणा पावर प्रोजेक्ट के श्रमिकों को बाहर निकाला।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज बागी पुल पर कुर्पन खड्ड जलापूर्ति योजना को अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान का मौके पर जाकर जायजा लिया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में निर्माणाधीन 315 करोड़ रुपये की कुर्पन खड्ड परियोजना को अचानक आई बाढ़ के कारण भारी नुकसान पहुंचा है और विभाग को परियोजना को बहाल करने के लिए तत्काल और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला जिले के मतियाना क्षेत्र का दौरा कर जलापूर्ति योजनाओं और संबंधित बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन किया। उन्होंने बताया कि बूस्टर, इनटेक स्ट्रक्चर, फीड लाइन संपवेल, पंप हाउस, पंपिंग मशीनरी और पाइप सहित महत्वपूर्ण घटकों को हुए नुकसान के कारण विभाग को 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हुआ है।