जामिया के 52 छात्रों ने UPSC की मुख्य परीक्षा में मारी बाजी, तैयारी के लिए UGC से मिलता था अनुदान

दिलीप कुमार

देश के दो विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो तीन सालों में प्रमुख धारा की मीडिया और कुछ कट्टर राजनीतिक दलों ने बदनाम करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा।

इन दोनों विश्वविद्यालयों की चर्चा इनके गुणवत्ता को लेकर होती थी, लेकिन हाल के दिनों में इन पर कुछ तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राजनेताओं की नजर इस पड़ी है, जिस वजह से इन विश्वविद्यालय को लेकर देश भर में तमाम भ्रांतियां फैली हुई है। यो वो दो बदनसीब विश्वविद्यालय हैं, जिनकी छाया में हमारे पूर्वजों शिक्षा दिक्षा ली है।

अगर उन विश्वविद्यालयों की बात करें तो उनमें से एक है जेएनयू तो दूसरा है जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय जो अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली और ऐतिहासिक विरासत के रूप में जाने जाते हैं। वर्ष 2020 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों को उनके हॉस्टल में घुसकर पुलिस ने पीटा था। लेकिन आज उसी जामिया मिल्लिया के छात्रों में से 52 ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने नाम रौशन कर दिया है।

आपको बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में पढ़ने वाले 52 छात्रों ने सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में सफलता हासिल की है। विश्वविद्यालय ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि ये छात्र अब साक्षात्कार में शामिल होंगे, जोकि अप्रैल में होगा।

विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आरसीए में पढ़ाई कर रहे 52 छात्रों ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, 2021 में कामयाबी हासिल की है। आरसीए के प्रभारी प्रोफेसर आबिद हलीम ने इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में छात्रों के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताई।

साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों जैसी श्रेणियों से संबंधित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए आरसीए को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से वित्तीय सहायता भी मिलती है।

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