370 का विरोध करने पर मलेशिया को मिली यह सजा, कभी सोची भी नहीं होगी

बिना किसी आदेश के भारतीय कारोबारियों से राष्ट्रीयता की भावना दिखाते हुए मलेशिया को झटके देना शुरू कर दिया है. मलेशिया ने पिछले दिनों पाकिस्तान प्रेम दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का विरोध किया था. अब भारतीय आयातकों ने पाम तेल के लिए इंडोनेशिया का रुख करना शुरू कर दिया है, जिससे मलेशिया की बेचैनी बढ़ गई है.

मलेशिया

दरअसल, भारतीय कारोबारियों के इस कदम से मलेशिया इतना सहम गया है कि वह अब भारत के साथ रिश्ते की दुहाई दे रहा है. मलेशिया अब उन भारतीयों कारोबारियों रोकने को कोशिश में जुट गया है, जो पाम तेल की खरीदारी के लिए इंडोनेशिया के संपर्क में हैं.

मलेशियन पाम ऑयल एसोसिएशन (MPOA) ने वहां की एक मीडिया से कहा कि भारत द्वारा मलेशिया से पाम तेल सहित अन्य उत्पादों का आयात रोकने पर विचार करने को लेकर आई खबरों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार सामान्य रह सकता है, क्योंकि मलेशिया का भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध है.

फ्रीमलेशियनटुडे डॉट कॉम की रविवार की एक रिपोर्ट में एमपीओए के प्रमुख नजीब वहाब के हवाले से कहा गया कि अगर भारत ऐसा कठोर फैसला लेगा तो इससे उस पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.

हालांकि भारतीय खाद्य तेल उद्योग का कहना है कि इससे भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतीय आयातकों ने पहले ही इंडोनेशिया से पाम तेल सौदे करना शुरू कर दिया है.

साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अतुल चतुर्वेदी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि भारत से पाम तेल की खरीद के सौदे रुक जाने से मलेशिया में बेचैनी बढ़ गई है क्योंकि भारत मलेशिया के पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक है, इसलिए इस तरह की बात की जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, वहाब ने कहा कि अगर भारत मलेशिया से पाम नहीं खरीदता है तो उसे अपनी जरूरतों की पूर्ति इंडोनेशिया से करनी होगी और इंडोनेशिया जो भी दाम मांगेगा उसे भारत को स्वीकार करना पड़ेगा

इस पर चतुर्वेदी ने कहा, ‘हमें किस दर पर इंडोनेशिया से पाम तेल खरीदना है यह हमारा मसला है. हमारे लिए देश का सवाल पहले है उसके बाद कारोबारी रिश्ते.’

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गौरतलब है कि कश्मीर मसले को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की आलोचना की थी. उन्होंने कश्मीर का मसला उठाते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाए जाने के बावजूद भारत ने उस पर आक्रमण कर उसे अपने कब्जे में कर लिया.

इसके बाद भारतीय आयातक इस महीने मलेशिया से पाम तेल के आयात के नए सौदे नहीं कर रहे हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि भारत सरकार अगर मलेशिया से आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कदम उठाती है तो आयातकों को नुकसान होगा. इसलिए भी नए सौदे नहीं हो रहे हैं

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