मध्य प्रदेश में संतों के सहयोग से बनेगा पाठ्यक्रम 

मध्य प्रदेशउज्जैन| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव करने का ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में विज्ञान, इतिहास व संस्कृति के साथ-साथ नैतिक शिक्षा पर केंद्रित ऐसी शिक्षा पद्धति अपनाएंगे, जिससे चरित्रवान पीढ़ी तैयार हो सके।

मुख्यमंत्री चौहान सिंहस्थ कुंभ के दौरान स्वामी अवधेशानंद गिरी के शिविर में भागवत कथा सुनने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि नया शिक्षा पाठ्यक्रम सभी धर्मो एवं मतों के संत समुदाय के सहयोग से तैयार किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में होगा बदलाव

इस मौके पर उन्होंने आनंद मंत्रालय के गठन की बात भी दोहराई, साथ ही नर्मदा-क्षिप्रा किनारे वृहद वृक्षारोपण और ऋषि खेती को बढ़ावा देने की घोषणाएं भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से भारत में संतों द्वारा शिक्षा दी जाती रही है। हम उसी प्रकार की शिक्षा पद्धति अपनाना चाहते हैं, जिससे इंसान को इंसान बनाया जा सके। अगले साल यह पाठ्यक्रम अमल में लाया जाएगा। नए शिक्षा पाठ्यक्रम में उपनिषद्, गीता तथा अन्य सभी धर्मो के ग्रंथों की खूबियां समाहित की जाएंगी।

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