16 अगस्त से कई तरह के देखने को मिलेंगे परिवर्तन,मंगल से त्रस्त हैं तो रोज पढ़ें हनुमान चालिसा….

16 अगस्त सोमवार से कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलेंगे। कारण है ग्रहों की स्थिति परिवर्तन और नक्षत्रों की चाल। हमने पहले भी एक लेख के जरिए आपको बताया है कि 16 अगस्त को मंगल ग्रह रात्रि 08 बजकर 37 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद 10 सिंतबर को अपनी ही राशि में रहकर मंगल वक्री हो जाएंगे और 4 अक्टूबर फिर से मीन में प्रवेश कर जाएंगे। मेष मंगल ग्रह की राशि है और कोई भी ग्रह अपनी स्वराशि में उच्च का होता है और जातक को इसके अच्छे फल भी प्राप्त होते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मंगल ग्रह को ज्योतिष में भूमि, सेना, साहस, पराक्रम, युद्ध आदि का कारक माना जाता है। मंगल की इस चाल से कुछ राशियों को फायदा होगा तो कुछ राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। मंगल ग्रह को देवताओं का सेनापति भी कहा गया है इसलिए इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा।

16 अगस्त को मंगल अपनी ही राशि यानी मेष में आ जाएगा। इससे पहले ये ग्रह 18 जून को मीन राशि में आया था। अब अगले महीने 10 सितंबर को वक्री होकर 4 अक्टूबर को वापस मीन राशि में आ जाएगा। मंगल के अपनी ही राशि में आ जाने से देश के पश्चिमी एवं उत्तरी भागों में बारिश बढ़ सकती है। इनके अलावा अन्य जगहों पर कहीं ज्यादा बारिश और कहीं बहुत कम बारिश होगी। इसके साथ ही देश में महंगाई बढ़ सकती है। कुछ दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। देश में तनाव और उपद्रव बढ़ने की आशंका भी है। देश के उत्तरी राज्यों में छिट-पुट हिंसा और विरोध भी हो सकता है। मंगल के मेष राशि में आने के बाद उस पर बृहस्पति और केतु की दृष्टि भी रहेगी। ग्रहों की ये स्थिति कुंभ और मिथुन राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। वृश्चिक और कर्क राशि वालों के लिए समय सामान्य रहेगा। वहीं मेष, मीन, मकर, धनु, तुला, कन्या, सिंह और वृष राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा।

मंगल ग्रह आमतौर पर 45 दिन में राशि बदल लेता है। लेकिन इस बार इसे अगली राशि यानी वृष तक जाने में 6 महीने से ज्यादा समय लगेगा। 16 अगस्त से मंगल मेष राशि में रहेगा। 10 सितंबर को मेष में ही वक्री हो जाएगा। इसके बाद वक्री रहते हुए 4 अक्टूबर को वापस मीन में आ जाएगा। फिर 14 नवंबर को मीन में ही मार्गी हो जाएगा। फिर 23 दिसम्बर को मेष में आ जाएगा। इसके बाद फरवरी 2021 में वृषभ राशि मे प्रवेश करेगा।

मेष राशि में मंगल के आने से उस पर बृहस्पति और केतु की पांचवी दृष्टि रहेगी। जिसके प्रभाव से देश के पश्चिम और उत्तर के राज्यों में विघटनकारी शक्तियां सक्रिय हो सकती हैं। सामाजिक तनाव और उपद्रव का योग बन रहा है। बाहरी दुश्मनों का दखल देश में बढ़ सकता है। राष्ट्रीय आय में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। संसाधनों में विकास का योग बन रहा है। कुछ नए चेहरे आकर्षण के केन्द्र भी बनेंगे। राष्ट्रीय हित विचार और मंथन बढ़ेगा। 10 सितम्बर को मंगल के वक्री होने पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय व्यक्तित्व के निधन की आशंका है। आतंकवाद बढ़ने की आशंका भी है। देश के उत्तरी हिस्सों में उथल-पुथल होने के योग बन रहे हैं। राजनैतिक क्षेत्र में अस्थिरता बनी रहेगी। यान दुर्घटना बढ़ सकती है। दक्षिणी समुद्री तट की ओर से राष्ट्रीय आय कम हो सकती है, लेकिन खाद्य पदार्थ बढ़ेंगे। कुछ राजनेता आंतरिक षडयंत्र के शिकार हो सकते हैं। इसके बाद 4 अक्टूबर को फिर से मीन राशि में मंगल के आ जाने के बाद से देश के दुश्मन कमजोर होंगे।

क्या हो सकते हैं उपाय

यदि आप मंगल दोष से अत्यधिक पीड़ित हैं तो प्रत्येक मंगलवार को मंगलदेव की पूजा करें। माता मंगला गौरी की साधना-अराधना और विशेष पूजन करने से भी इस दोष से मुक्ति मिलती है। मंगल दोष को दूर करने के लिए प्रतिदिन या फिर मंगलवार के दिन विशेष रूप से बजरंग बली की साधना करें। बजरंगी की साधना में हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। साथ ही बजरंग बली के पैर का सिंदूर का टीका लगाएं। मंगल का दुष्प्रभाव कम होगा। मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं। साथ ही अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे लगाकर उनकी अच्छी तरह देखभाल करें। मंगल को मनाने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे लाल मसूर की दाल, लाल कपड़े का दान करना चाहिए।

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