ऑटो कंपनियों की सबसे फीकी दीवाली, बिक्री में 15 से 22% तक की गिरावट

नवरात्रि से लेकर दीवाली तक हर साल फेस्टिव सीज़न में लोग सोने-चांदी, कपड़े-जूतों से ले कर गाड़ियों तक की जमकर खरीदारी करते हैं। ऑटो सेक्टर के लिहाज़ से इस बार की दीवाली थोड़ी फीकी रही। पिछले 10 साल की तुलना में इस साल नवरात्रि-दशहरा और धनतेरस-दिवाली के दौरान लोगों ने सबसे कम गाड़ियां खरीदी। पिछले साल की तुलना में इस गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में दोगुना गिरावट हुई है। पैसेंजर व्हीकल के मार्केट में चिप की कमी होने की वजह से सप्लाई प्रभावित हुई और टू-व्हीलर सेगमेंट में भी असामान्य रूप से मांग सुस्त रही।

सरकार के वाहन पोर्टल की माने तो इस साल वाहन निर्माताओं ने 238,776 इकाइयों की बिक्री की, वहीं 2020 में 305,916 इकाइयों की बिक्री हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल की बिक्री में 22% की गिरावट हुई है। दोपहिया वाहनों की बात करें तो 1.07 लाख यूनिट पर दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन 11% तक कम रहा और साथ ही ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन में भी 13% की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं अंदरुनी सूत्रों के अनुसार इस साल क़रीब साढ़े 3 लाख पैसेंजर व्हीकल की डिलीवरी हुई, जबकि पिछले साल 4 लाख 55 हजार यूनिट्स की डिलीवरी हुई थी।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने बताया कि, ‘पिछले 10 साल के फेस्टिवल सीजन में ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी गिरावट रही है। सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से कॉम्पैक्ट SUV और लग्जरी वाहनों की मजबूत मांग के बाद भी सप्लाई नहीं हो पाई। वहीं पैसेंजर व्हीकल की मांग बहुत कम देखी गई।‘

उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा प्रदेश रहा जहाँ गाड़यों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश में व्हीकल रजिस्ट्रेशन में 3.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में 6-9% की गिरावट आई है और बिहार, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में 15-22% की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। दूसरी ओर हैवी गूड्स व्हीकल की खुदरा बिक्री में 88% की बढ़ोतरी देखी गई और थ्री व्हीलर की खुदरा बिक्री में 67% की बढ़ोतरी देखी गई है।

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