वास्तुशास्‍त्र के इन 12 सूत्रों से कटेंगे सारे कष्ट, मिलेगी सुख-समृद्ध‌ि

सुख-समृद्ध‌िवास्‍तु के न‌ियमों का ध्यान रखकर शास्‍त्रों में बताई गई बातों का पालन क‌िया जाए तो इससे न स‌िर्फ घर में आपसी प्रेम, सद्भाव और सुख-समृद्ध‌ि बनी रहती है बल्क‌ि रोग दोष भी घर से दूर रहते हैं। जबक‌ि इनके व‌िपरीत आचरण करने पर परिणाम भी व‌िपरीत म‌िलता है। इसल‌िए खुशहाली के इन 12 सूत्रों को हमेशा ध्यान रखें।

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  • सोते समय इस प्रकार अपना स‌िर रखें क‌ि उठें तो आपका मुख उत्तर या पूर्व द‌िशा की ओर हो ताक‌ि देवता और कुबेर की कृपा बनी रहे। सुबह उठकर पहले अपनी हथेली देखें और भगवान का ध्यान करें
  • न‌ियम‌ित रूप से उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल दें। जल देते समय सूर्य का मंत्र ‘ओम आद‌ित्य नमः’ मंत्र का जप करें
  • हर द‌िन अपने इष्ट देव की पूजा करें। अगर समय कम हो तो धूप-दीप जलाकर थोड़ी देर उत्तर या पूर्व द‌िशा की ओर मुंह करके ध्यान करें
  • पूजन के समय तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें और उसे पूजा के बाद घर के हर भाग में छ‌िड़क दें। इससे सकारात्मक उर्जा का संचार बना रहता है
  • देवी देवताओं पर चढ़ाए गए फूल और हार सूख जाने पर घर में नहीं रहने दें, इसे जल में प्रवाह‌ित कर देना चाह‌िए
  • भोजन हमेशा उत्तर की ओर मुंह करके करना चाह‌िए
  • भोजन के ‌ल‌िए सबसे बढ़‌िया स्‍थान रसोई घर है। यहां भोजन करने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है। शयन कक्ष और ब‌िस्तर पर भोजन करना स्वास्‍थ्य और पारिवारिक जीवन को प्रभाव‌ित करता है
  • शाम के समय सभी कमरे में दीप द‌िखाना चाह‌िए। यह नकारात्मक उर्जा को दूर रखता है
  • हर द‌िन भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय के ल‌िए और अंत‌िम रोटी कुत्ते के ल‌िए न‌िकालकर रख दें। इससे राहु, केतु, शन‌ि, बुध और गुरु ये ग्रह शुभ बने रहते हैं
  • न‌ियम‌ित तुलसी के पौधे को जल दें और शाम के समय धूप-दीप द‌िखाएं यह लक्ष्मी की कृपा बनाए रखने में सहायक माना गया है
  • द‌िन के समय और सूर्योदय, सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाह‌िए। रात्र‌ि में सोने से पूर्व पैर धोकर ब‌िस्तर पर जाएं और कुछ देर ध्यान करें फ‌िर सोएं। इन सूत्रों को याद रखें तो घर में खुशहाली आप खुद महसूस करेंगे

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