राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजे जाएंगे छत्तीसगढ़ के तुषार और नीलम

राष्ट्रीय वीरता पुरस्काररायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ के दो बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2016 से सम्मानित करेंगे। इनमें बेमेतरा जिले के ग्राम हरदी के तुषार वर्मा तथा ग्राम मुजगहनए पोस्ट लोहरसी की कुमारी नीलम ध्रुव शामिल हैं।

इन बच्चों को उनके निम्न साहसिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा छत्तीसगढ़ के पांच बच्चों को प्रस्ताव राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया था। इनमें से इन दो बच्चों का चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है।

तुषार वर्मा ग्राम हरदी, पोस्ट भिभोरी तहसील बेरला, जिला बेमेतरा निवासी भूलूराम वर्मा के घर के पीछे स्थित कोठा में रात के लगभग 9 बजे मच्छर भगाने के लिए जलाए हुए कंडों से आग लग गई। घर में केवल दो वृद्ध दंपति रहती थी। वृद्ध भूलूराम वर्मा ने जैसे ही कोठा के ऊपर जलती हुई आग देखी, वे जोर-जोर से चिल्लाने लगे।

कोठा के ऊपर दो गाड़ियों में पैरा व भूसा रखा था। कोठा में तीन गाय और दो बैल बंधे हुए थे। भूलूराम की आवाज सुनकर पड़ोसी दौड़कर उनके घर में आने लगे। वहीं पास में ही निवासरत डोगेश्वर वर्मा का 15 वर्षीय बेटा तुषार वर्मा अपने घर में खाना खा रहा था। तभी ‘आग-आग’ की आवाज सुनकर तुषार वर्मा खाना छोड़कर घर से बाहर निकला और आग लगे घर में दौड़कर पहुंचा।

वहां पड़ोसी अपने-अपने घरों से पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। बालक तुषार तुरंत ही किसी तरह कोठा के ऊपर चढ़कर नीचे पड़ोसियों से पानी ले-लेकर आग बुझाने का प्रयास करने लगा। आग की लपटें तेज होने के कारण उसे बड़ी तकलीफ भी होने लगी, मगर वह साहस के साथ आग बुझाने में लगा रहा।

जब तक कोठा के ऊपर बांस बल्लियों में लगी आग बुझ न गई, तब तक वह रात 11 बजे तक तत्परता से आग बुझाने में लगा रहा। ग्रामीणों की सहायता से कोठा के नीचे बंधे मवेशियों को बाहर निकाल लिया गया। इस घटना में बालक तुषार आग से झुलस गया। तुषार का प्राथमिक उपचार कराया गया।

कुमारी नीलम ध्रुव ग्राम मुजगहन 19 मई 2016 को अपनी सहेली कुमारी टिकेश्वरी ध्रुव के साथ गांव के शीतला तालाब में नहा रही थी। इस दौरान टिकेश्वरी ध्रुव के पैर फिसलने के कारण वह तालाब के गहरे पानी में चली गयी और डूबने लगी। टिकेश्वरी को तालाब में डूबते देखकर कुमारी नीलम ने अपनी जान की परवाह के बिना उसे बचाने तालाब में कूद पड़ी।

अथक प्रयासों के बाद वह टिकेश्वरी के सिर के बाल को पकड़कर खींचते हुए तालाब से बाहर निकाल लाई। बालिका नीलम बहादुरी से काम लेते हुए अपनी सहेली की जान बचाने में कामयाब रही।

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