1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, गोदाम और क्रय केंद्रों के लिए खोजी जा रही जगह

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इस साल गेहूं का एमएसपी 1975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

सीएम योगी ने 1 अप्रैल से गेहूं खरीदने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने भंडारण गोदामों और सभी क्रय केंद्रों की जियो टैगिंग कराने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं. पिछले साल की तुलना में इस साल 50 रुपये की बढ़त करते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गेहूं खरीद 2021-22 संबंधी समय.सारिणी एवं प्रस्तावित क्रय नीति के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से गन्ना किसानों पर्ची दी जाती है उसी प्रकार गेहूं किसानों के लिए भी ऑनलाइन पर्ची की सुविधा दी जाए. नई नियम बनाते समय यह ध्यान रहे कि जिन क्रय एजेंसियां रिकॉर्ड सही नहीं है, उन्हें काम न दिया जाए. भंडारण गोदाम सहित सभी क्रय केंद्रों की जियो टैगिंग कराई जाए. इससे किसानों को सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता के लिए इस साल ई-पॉप मशीनों के माध्यम से बायोमीट्रिक सत्यापन द्वारा क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने गेहूं खरीद के लिए छह हजार क्रय केन्द्रों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे किसानों को सुविधा होगी. गेहूं क्रय केन्द्र के लिए पथ-प्रदर्शक निशान अवश्य लगाए जाएं. गेहूं क्रय केन्द्र की स्थापना के स्थानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।

बटाईदारों से भी की जाएगी गेहूं खरीद

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बटाईदारों से भी गेहूं खरीद की जाए. साथ ही उन्होंने किसानों के पंजीयन में सीलिंग एक्ट के प्राविधानों का ध्यान रखने के निर्देश भी दिए. बयान के अनुसार, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो।

खरीद केंद्रों पर हो पेयजल की व्यवस्था

किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए. साथ ही अधिकारियों द्वारा गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी तथा क्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाए. उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई के समय गर्मी का मौसम होगा, साथ ही बारिश की संभावना भी होगी. ऐसे में क्रय केन्द्रों पर छाजन, पेयजल, बैठने की व्यवस्था आदि होनी चाहिए।

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