हुआ खुलासा ! धोनी को पता था कि इंडिया मैच हारेगी इसलिए वह दूसरे मिशन पर लगे थे…

इंडिया वर्सेज़ इंग्लैंड. वर्ल्ड कप 2019 का 38वां मैच. इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपनी पहली हार देख ली है. इंग्लैंड सेमी-फाइनल की अपनी रेस में अभी भी दौड़ रही है.इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करने का फ़ैसला लिया. और आधे घंटे में ही मालूम चल गया था कि ये फ़ैसला पूरी तरह से सही था. इंग्लैंड ने 50 ओवर में 337 रन बनाए. हालांकि मोहम्मद शमी ने 5 विकेट्स लिए जिनके लिए ये वर्ल्ड कप काफ़ी शानदार जा रहा है, लेकिन इंडिया की बॉलिंग काफ़ी बकवास रही.

हुआ खुलासा ! धोनी को पता था कि इंडिया मैच हारेगी इसलिए वह दूसरे मिशन पर लगे थे...

बातदें की स्पिनर्स की एक नहीं चली और उन्हें काफ़ी पीटा गया. बेयरस्टो ने सेंचुरी मारी. 109 गेंदों में 111 रन बनाकर आउट हुए. उनसे पहले, उनके साथ आये जेसन रॉय 66 रन बनाकर आउट हुए. असल में इंग्लैंड का माहौल तो पहले विकेट की पार्टनरशिप में ही बन गया था. पहले विकेट के लिए बेयरस्टो ने जेसन रॉय के साथ मिलकर 160 रन बनाए.

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वहीं ये 22 ओवर में ही बन गए थे. यानी इंग्लैंड काफ़ी तगड़ी बैटिंग कर रहा था. हालांकि बीच में बुमराह और शमी ने रन रोके लेकिन मामला फिर से आखिरी ओवर्स में हाथ से निकलता दिखाई दिया. बेन स्टोक्स बैटिंग करने के लिए आये और उन्होंने 54 गेंदों में 79 रन बनाए. स्टोक्स इस टूर्नामेंट में अच्छे फॉर्म में दिख रहे हैं. चाहल ने 10 ओवर में 88 और कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 72 रन दिए. बुमराह ने 10 ओवर में 44 रन दिए.

जहां इस टारगेट का इंडिया पीछे करने उतरी तो मामला गरमाने से पहले ही केएल राहुल टाटा बाय बाय बोल गए. 9 गेंद खेली और 1 भी रन नहीं बना सके. क्रिस वोक्स ने अपने पहले 3 ओवर मेडेन फेंके जिसमें के एल राहुल का विकेट भी शामिल था.

लेकिन इंडिया यहीं से बैकफुट पर जाने लगी थी. हालांकि 20 ओवर के बाद पहले बड़ी धीमी रफ़्तार से खेल रहे रोहित शर्मा भी लय में आ रहे थे लेकिन फिर 29वें ओवर में कोहली चलते बने. उन्होंने एक बार फिर हाफ़ सेंचुरी मारी लेकिन उन पर रन बनाने का अतिरिक्त दबाव दिखता है. कोहली ने 76 गेंदों में 66 रन बनाए. लेकिन कोहली के बाद आये ऋषभ पंत. और यहीं से इंडिया की बैटिंग की नैय्या डगमगाने लगी.

देखा जाए तो पंत अपने पहले वर्ल्ड कप के पहले मैच में काफ़ी हिले हुए लग रहे थे और पहली 4 गेंदों में 3 बार आउट होने से बचे. खैर, उसके बाद भी उनके बल्ले पर गेंद नहीं आ रही थी और वो काफ़ी स्ट्रगल कर रहे थे. वो 40वें ओवर में आउट हुए जब करीब हर ओवर 10.5 की औसत से रन बनाने थे. उन्होंने 29 गेंदों में 32 रन बनाए. हार्दिक पंड्या ने 33 बॉल में 45 रन बनाए. वो एकमात्र बैट्समैन दिख रहे थे जो कि रन बनाने और तेज़ी से बनाने के इरादे से खेल रहे थे.

दरअसल पंत के आउट होने के बाद आये धोनी ने 31 गेंदों में 41 रन बनाए और दुनिया को दिखाया कि क्रंच सिचुएशन में, जब तेज़ी से रन बनाने होते हैं, जब हर बॉल पर ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने की कोशिश करने की ज़रुरत होती है, आप बेहतरीन सिंगल कैसे निकाल सकते हैं. आप कहने को कह सकते हैं कि धोनी 135 के स्ट्राइक रेट से खेले. लेकिन आपको ये भी देखना होगा कि 40 ओवर के बाद जब इंडिया को जीतने के लिए साढ़े दस रन प्रति ओवर चाहिए थे.

वहीं मैच ख़त्म होने तक धोनी ने सिर्फ़ 5 डॉट बॉल्स खेलीं और 18 सिंगल्स लिए. आख़िरी ओवर में जब जीतने के लिए 44 रन चाहिए थे, 1 छक्का मारने के बाद उन्होंने सिंगल लेने से ही इनकार कर दिया और फिर अगली गेंद पर ले भी लिया.

45वें ओवर के बाद धोनी स्कोरिंग शॉट्स मारने की कोशिश करते भी नहीं दिखे. ऐसा मालूम दे रहा था कि वो ये समझ चुके थे कि इंडिया मैच नहीं जीत सकता और वो विकेट्स बचा कर नेट रन-रेट सुधारने में जुट गए थे. वो नेट रनरेट जो कि आने वाले समय में शायद मैटर ही नहीं करेगा अगर हम श्री लंका या बांग्लादेश के ख़िलाफ़ या दोनों के ख़िलाफ़ मैच जीत लें तो.

 

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