हिमाद्रि सिंह ने कांग्रेस पार्टी से कहा अलविदा, कभी कांग्रेस को बताती थीं ‘अपना मायका’ !

मध्य प्रदेश में एक जगह है, शहडोल. यहां की लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं हिमाद्रि सिंह. हाल ही में इन्होंने बीजेपी जॉइन की है. पहले ये कांग्रेस पार्टी से थीं. इन्हें टिकट मिल चुका है. शहडोल से ही ये चुनाव लड़ेंगी. इस सीट से पहले सांसद ज्ञान सिंह थे, जो अब हिमाद्रि को टिकट मिलने से नाराज हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञान सिंह का कहना है कि वो इस सीट के लिए ज्यादा पैसे नहीं दे पाए, इसलिए करोड़ों रुपए देने वाले कैंडिडेट को ये सीट दे दी गई.

 

कांग्रेस क्यों छोड़ी आखिर?

ऐसी हवा उड़ी थी कि हिमाद्रि जब कांग्रेस में थी, तब उन्हें कांग्रेस शहडोल लोकसभा सीट का उम्मीदवार बना रही थी. लेकिन एक शर्त रखी गई. वो शर्त ये थे कि हिमाद्रि से कहा गया कि वो अपने पति यानी बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह को कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहें. अगर वो ऐसा कर पाती हैं तभी उन्हें ये उम्मीदवारी दी जाएगी. ये बात उन्हें रास नहीं आई और इसी बात से उन्होंने पार्टी छोड़ी थी, ऐसा कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है.

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-हिमाद्रि ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रैजुएशन किया है. इनके माता-पिता दोनों ही कांग्रेस पार्टी से रहे. पिता दलबीर सिंह पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री भी रहे. हालांकि दोनों का निधन हो चुका है.

-2017 में जब हिमाद्रि कांग्रेस में थीं. तब उन्होंने 23 नवंबर को बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह मरावी से शादी की थी.

-नरेंद्र सिंह मरावी बीजेपी के युवा नेता हैं. उम्र 40 साल है. और हिमाद्रि भी कांग्रेस की युवा नेताओं में से एक थीं. जिनकी उम्र 30 साल है. इनकी अरेंज मैरिज हुई थी. और दोनों की पार्टी अलग-अलग होने से भी इनकी काफी चर्चा हुई.

-हिमाद्रि की मां राजेश नंदनी के खिलाफ 2009 में नरेंद्र सिंह मरावी चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.

-शादी के बाद हिमाद्रि ने कहा था कि उनका मायका कांग्रेस है और ससुराल उनका बीजेपी है. तो उनकी शादीशुदा जीवन के बीच राजनीति नहीं आएगी. लेकिन कब क्या हो जाए किसे पता.

-उन्होंने ‘कभी कांग्रेस न छोड़ने’ की बात भी की थी.

-‘पार्टी न बदलने’ वाली बात पर भी वो चर्चा में आईं, जब उन्होंने 22 मार्च, 2019 को बीजेपी जॉइन किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के के मिश्रा ने कहा कि उनका दल बदलना कोई विचारधारा नहीं है. उन्हें तो आचार्य कृपलानी से सीखना चाहिए, जो एक साथ तो रहे लेकिन झंडा अलग-अलग लहराया.

-कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी को शहडोल सीट मिल जाएगी. यानी पहले बीजेपी के ज्ञान सिंह इस सीट से सांसद थे. और हिमाद्रि की जन्मभूमि शहडोल है. इस कारण बीजेपी को ये सीट मिल सकती है.

-कांग्रेस की प्रमिला सिंह को हिमाद्रि सिंह टक्कर देंगी. 2016 में हिमाद्रि ने कांग्रेस से शहडोल का उपचुनाव लड़ा था. अब वो बीजेपी की तरफ से लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही हैं.

 

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