ओसामा की तरह हाफिज पर भी होने वाला था हमला, इसलिए पाकिस्तान ने किया नजरबंद

हाफिज सईद को नजरबंदइस्‍लामाबाद। जमात उद दावा का आतंकी सरगना हाफिज सईद को नजरबंद कर अपनी शान में कसीदे पढ़ने वाले पाकिस्तान का झूठ सामने आ गया है। हाफिज सईद को नजरबंद नहीं किया गया बल्कि उसे एक बड़े खतरे से बचाने के लिए सुरक्षा में रखा जा रहा है।

हाफिज सईद की नजरबंदी को लेकर जो सच सामने आया है उससे पाकिस्तान एक बार फिर पूरी के दुनिया के सामने बेनकाब होता नजर आ रहा है। पाकिस्तान के ही एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने एक टीवी के शो में हाफिज सईद की नजरबंदी को लेकर पाकिस्तान सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया है। हाफिज सईद को लेकर सनसनीखेज खुलासे करने वाले पाक विशेषज्ञ शाहिद मसूद पीटीवी के एमडी हैं।

इस शो में डॉ शाहिद मसूद खुलासा किया हाल में कई अफगानिस्तान के सिमों से पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकियों को कॉल्स आ रहे थे। इन्हें ट्रेस करने पर पता चला कि अफगानिस्तान से तहरीक ए तालिबान के कुछ लोग वहां से पाकिस्तान में दाखिल होने वाले हैं या हुए हैं। इन लोगो ने पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में मौजूद स्लीपर सेल के लोगों को सक्रिय कर दिया है और उन्हें ये टास्क दिया है कि हाफिज सईद को उसके संगठन समेत खत्‍म कर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि इन संदेशों व फोन कॉल से पता चला कि हाफिस सईद गंभीर खतरे में था। पाकिस्तान सरकार जिस नजरबंदी का ढिंढोरा पीट रही है दरअसल वह हाफिस सईद को एक प्रकार की दी गई विशेष सुरक्षा है।

पाकिस्तान विशेषज्ञों के अलावा यह बात इस लिए भी पुख्‍ता हो जाती है क्‍योंकि हाफिज सईद को नजरबंदी वाले दिन से ही कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई गई। इतना ही नहीं भारी पुलिस बल के मौजूदगी में हाफिस सईद को प्रेस कन्फ्रेंस करने की इजाजत भी दी गई और चलती कार में वीडियो संदेश भी बनाने दिया गया।

हालांकि डॉ शाहिद मसूद ने भारत और अमेरिका के दबाव से कतई इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा भारत अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों से पाकिस्तान पर दबाव था। हाफिज सईद की सुरक्षा का मामला पाकिस्तानी एजेंसियों के लिए काफी गंभीर मसला था।

खबर के मुताबिक हाफिज सईद को मारने के लिए यह आतंकी पूरे इलाके को भी विस्फोटक से उड़ा सकते थे, इसीलिए उसे सुरक्षित स्थान पर कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

 

 

 

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