हमीरपुर में नाले में बहा दी गयीं लाखों की जीवन रक्षक दवाइयां, प्रशासन को नहीं कोई खबर
REPORT-VINEET TIWARI/HAMIRPUR
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जहाँ गरीब जरूरतमंद मरीज़ सरकारी दवाओ की एक एक गोली के लिए तरसते है वही हमीरपुर जिले में लाखो रूपयों मूल्य की जीवन रक्षक सरकारी दवाये नाले में पड़ी मिलने से हडकंप मच गया है .
स्थानीय लोगो ने स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर सरकारी दवाओं को एक गड्ढे में दबाकर खत्म करने का आरोप लगाकर जिला प्रशासन को सूचना दी है.
जिसके बाद एसडीएम ने मौके में पहुंचकर जांच शुरू की है फिलहाल वगैर एक्सपायरी डेट के फेके गये वैक्सीन इंजेक्शनो कीमत 500 रुपये से लेकर 4800 रुपये तक है.
नाले में पड़ी यह है वो जीवन रक्षक दवाये जो किसी बीमार इन्शान की जिन्दगी बचा सकती है . सरकारे इन दवाओ को आम जनता तक पहुचने के लिए करोडो रुँपये खर्च करती है लेकीन इनका हस्र देख कर आप अंदाजा लगा सकते है की स्वास्थ विभाग आम लोगो के स्वस्थ को लेकर कितना संजीदा है .
इन्हें यहाँ स्वास्थ विभाग के अधिकारियो और कर्मचारियों ने महज कमीशनखोरी के चलते फेक दिया है. जिससे नई दवाये खरीदी जाये और उनका मोटा कमीशन उन्हें मिल जाये.
मामला हमीरपुर जिले के राठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ के पास बने एक नाले में लाखों के वैक्सीन इंजेक्शन मिलने से हड़कंप मच गया ,दरअसल यह सभी दवाइयां वगैर एक्सपायरी के ही स्वास्थ्य विभाग ने फेक दी ,स्थानीय लोगो ने जब इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी तब मौके में एसडीएम व नायब तहसीलदार ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी है ।
साथ ही नायब तहसीलदार ने हजारों की संख्या में कीमती और महंगे इंजेक्शन बरामद किए जिनमें से 104 इंजेक्शन और दवाइयां सैंपल के रूप में सीज कर दी गई है ,नायब तहसीलदार और एसडीएम राठ सुरेश कुमार जी का कहना है कि इसकी सूचना आला अधिकारियों को दे दी गई है बाहर से जांच टीम राठ में आएगी और जांच के दौरान जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गरीबो को मिलने वाली दवाओं को फेककर स्वास्थ्य विभाग अपनी कमीशन के चलते बाहर की दवाइयां लिखकर लोगो के साथ खिलवाड़ करने में लंबे समय से लगा है जिसका आज उदाहरण देखने को मिला है,की स्वास्थ्य कर्मी दवाइयों की कमी बताकर बाहर से दवाइयां लिखकर लाखो की कमाई का गोरखधंधा चला रहे है। फिलहाल अब जिला प्रशासन ने जांच शुरू करते हुए कार्यवाही की बात कही है।
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सरकार तो मरीजों के इलाज़ के लिए सरकारी अस्पतालों में महंगी दवाए भिजवाती है नगर अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के चलते यह जीवन रक्षक दवाए जरूरत मंद गरीब मरीजो की जगह नदी और नालो में पड़ी मिलती है चर्चा तो यह भी है की तमाम मेडिकल स्टोरों में भी जीवन रक्षक आमसरकारी दवाए स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से बिकती है !