सीवर में 5 मजदूरों की दम घुटने से मौत के बाद एक्शन में आया सफाई आयोग, अधिकारियों को लगाई फटकार

जावेद चौधरी

गाजियाबाद: गाजियाबाद में सीवर के भीतर घुस कर अपनी जान गवा चुके 5 मजदूरों के मामले में लगातार बड़ी कार्यवाही या हो रही है। और कई सवाल उठ रहे हैं। आपको बता दें कि अब तक जल निगम के पांच अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।

वहीं मामले में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने संज्ञान ले लिया है। जिस ठेकेदार का यह काम था उसको ब्लैक लिस्ट करके एफ आई आर दर्ज कर दी गई है। और आज लखनऊ से एक टीम भी मौके का जायजा लेने के लिए पहुंचेगी।

इसके अलावा सरकार ने मृतकों को 10 लाख का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है। लेकिन सवाल फिर भी खड़ा है कि ऐसे हादसे कब तक होते रहेंगे। वहीं आज राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर भी मौके पर पहुंची और मामले में अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों पर धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।

गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके के नंद ग्राम में गुरुवार एक भयंकर हादसा हो गया। जिसमें 5 लोगों की जिंदगी चली गई। यहां पर सीवर में जलकल विभाग के काम में लगे 5 कर्मचारी घुस गए। जिनकी एक के बाद एक मौत हो गई। पहले एक कर्मचारी गया था । जिसकी जान बचाने के लिए बाकी केे कर्मचारी अंदर चले गए और अपनी जिंदगी गवा गए।

आखिर हादसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्यों मौके पर सेफ्टी उपकरण मौजूद नहीं थे। ऐसे किसी सीवर में काम करने से पहले एक ब्लोवर लगाया जाता है ।जिससे सीवर की सारी गैस को बाहर निकाला जाता है। यही नहीं कर्मचारियों को ऑक्सीजन मास्क देकर अंदर भेजा जाता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। सेफ्टी बेल्ट तक भी नहीं थी। और ना ही टॉर्च दी गई थी। ऐसे में कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार सीवर नहीं बल्कि वह सिस्टम है। जिसकी लापरवाही लगातार सामने आ रही है।

हैरत की बात यह है कि मौके पर लोगों ने ही गंभीर हो चुके कर्मचारियों को स्कूटी से अस्पताल पहुंचाने में मदद की ठेकेदार की। ठेकेदार की तरफ से किसी वाहन की व्यवस्था तक नहीं थी जो इमरजेंसी में कर्मचारियों को अस्पताल पहुंचा सके। इन्हीं सब बातों का संज्ञान राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने लिया है और अपनी मेंबर मंजू दिलेर को आज गाजियाबाद में मौके का निरीक्षण करने के लिए भेजा। मौके पर मंजू दिलेर ने जेई को फटकार लगाई।

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और कहा कि क्यों ना तुम्हें ही जेल में डाल दिया जाए। यही नहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत में भी यह कहा कि मामले में 304 के तहत f.i.r. सभी अधिकारियों पर दर्ज होनी चाहिए और लापरवाह अधिकारियों को जेल भेज देना चाहिए।

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