
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता मिलन कार्यक्रम में जनता की काफी भीड़ उमड़ी थी। जंहा पर लोगों ने अपनी सारी समस्याओं को सीएम रावत को सुनाई। कार्यक्रम में सीएम को दिए गए 400 में आवेदन में से 300 आवेदन आर्थिक सहायता से संबंधित थे। मुख्यमंत्री ने आर्थिक सहायता संबंधी आवेदनों का परीक्षण करने के निर्देश दिए। जनता की समस्याएं सुन कर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने सभी समस्याओं को मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज कर उनका नियमित अनुश्रवण करने को कहा।
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जनता मिलन समारोह में 400 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। कार्यक्रम में शिकायतकर्ता विकासनगर निवासी कुंवर सिंह नेगी ने भूमि दस्तावेजों में हेराफेरी की शिकायत दर्ज की। नया गांव देहरादून की रोशनी देवी ने समाज की भूमि आवंटन की मांग की। चमोली से आए गबर सिंह ने अतिवृष्टि और बर्फबारी के कारण भवन के क्षतिग्रस्त होने की समस्या सामने रखी। नगरीय क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित लोगों ने भी मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं को रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने एमडीडीए को प्रकरण का परीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इस दौरान कई लोगों ने भवन और जमीन की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री ने सीडीओ को मुख्यमंत्री आवास योजना में छूटे हुए लाभार्थियों के लिए शीघ्र सर्वे करने के निर्देश दिए। कोटद्वार से आए अमर शहीद स्मृति विकलांग नेत्रहीन संस्थान को जमीन आवंटन होने के बावजूद कब्जा न मिलने और संस्था को कंप्यूटर प्रशिक्षण का भुगतान न करने की भी शिकायत की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने कमिश्नर गढ़वाल को पूरा प्रकरण देखने को कहा। कुछ सरकारी सेवा मामले भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए।
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कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडे, वीसी एमडीडीए विनय शंकर पांडे, अपर सचिव वी षणमुगम समेत तमाम अधिकारी उपस्थित थे।
40 मिनट तक चला सीएम का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगभग 40 मिनट तक जनता दरबार में रहे। 40 मिनट तक वो जनता की बातें सुने इसके बाद वो वंहा चले गए। उनकी अनुपस्थिति में मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जनता से आवेदन लिए और आवेदनकर्ताओं को इनकी सूचना भेजने की बात कही। इससे आवेदनकर्ता मायूस भी दिखे।