सामूहिक नरसंहार बेहमई कांड पर आज आयेगा फैसला, दस्यु सुंदरी फूलन ने की थी 20 लोगों की हत्या

देश का सबसे सामूहिक नरसंहार बेहमई कांड के आरोपियो पर सोमवार 6 जनवरी को कानपुर देहात की सेशन कोर्ट द्वारा फैसला आने वाला है। इस फैसले को लेकर देश भर की निगाहें है। ऐसे में इस नरसंहार को अंजाम देने वाली दस्यु सुंदरी पूर्व सांसद फूलन देवी की माँ भी अपनी जमीन वापिस पाने के लिये सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रही है।

 बेहमई कांड

जालौन जनपद के कालपी से लगभग 10 किमी दूर यमुना किनारे बसा यह गाँव  शेखपुरा गुढ़ा है। यहां फूलन की मां मुला देवी अकेले रहती है। घर के पीछे ही उनकी एक बेटी का परिवार रहता है। बगल में रिश्तेदारों के मकान हैं। मां कभी-कभार ग्वालियर भी अपने बेटे के पास भी जाती है। बेटा पुलिस में है। गांव में फूलन के चचेरे भाई इंद्रजीत उनकी मां का ख्याल रखते हैं। 70 के दशक में जब फूलन बागी बनी, तब उसका घर कच्चा था। सालों बाद मकान पक्का बन गया। रहन-सहन में भी बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।

क्या कहती हैं दस्यु सुंदरी पूर्व सांसद फूलन देवी की माँ-

बेहमई कांड के बारे में जानने के लिये लाईव टुडे की टीम जब फूलन देवी के घर पहुंची तो उनकी मां मुला देवी आंगन में एक छोटी-सी खटिया पर लेटकर गुनगुनी धूप का आनंद ले रही थीं। उन्हें जैसे ही पता चला कि मीडिया वाले हैं तो आगबबूला हो गईं। काफी मानमनौवल के बाद फूलन की मां ने बातचीत शुरू की। उन्होंने कहा कि जिस जमीन के लिए बेटी डकैत बनी, वह जमीन इतने साल बीत जाने के बाद भी उनके परिवार को नहीं मिल सकी है।

जबकि चाचा मैयाराम ने 40 बीघा जमीन पर कब्जा कर रखा है। मुकदमा एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। मुला देवी कहती हैं कि मेरी बेटी बहुत अच्छी थी। वह कोई लड़ाई-झगड़े नहीं करती थी, लेकिन जब अति हो गई तो डकैत बन गई। कोई नहीं चाहता कि किसी की बेटी या बेटा डकैत बने। फूलन जब सांसद बनी तो गांव आई। यहां कंबल-स्वेटर बांटे। अगर जिंदा रहती तो हम लोगों के लिए भी कुछ करती। फूलन की मां इंदिरा गांधी से लेकर अखिलेश तक से मिल चुकी हैं। लेकिन ना उम्मीद हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार 50 हजार रुपए की मदद की थी।

जब बेहमई कांड के बारे में फूलन की माँ मुला देवी से पूंछा तो उन्होने कहा कि वह फूलन के साथ नहीं थी और उन्हे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।  उन्होने अपने संघर्षों के बारे में बताते हुए वह कहती हैं कि मैयादीन ने फूलन को डकैत बनाया उसके ऊपर झूठे मुक़द्दमे दर्ज कराया तब फूलन डकैत बनी। डकैत  बनने के बाद आए दिन पुलिस परेशान करती थी। जिस घर में रहती हूं, उसकी तीन बार कुर्की हो चुकी है। फूलन की माँ ने बताया कि उसकी जमीन को उसके परिवार के मैयादीन ने कब्जा कर रखा है और उससे मुकद्दमा चल रहा है। फूलन की माँ ने पीएम मोदी से न्याय की गुहार लगाते हुये कहा कि उसकी जमीन को वह ही दिलवा सकते है।

चाचा को है इन्साफ का इंतजार-

फूलन देवी के चचेरे भाई इंद्रजीत बताते हैं कि चाची के हालात जैसे पहले थे, वैसे ही अभी भी हैं। फूलन के भाई शिवनारायण की जिंदगी बदल गई। दरअसल, जब फूलन सरेंडर हुई तो उसकी शर्तों में भाई को नौकरी, जमीन और घर देने की बात शामिल थी। हालांकि, 39 साल बाद आने वाले बेहमई कांड के फैसले के बारे में परिवार को नहीं पता। इंद्रजीत ने बताया कि फूलन के साथ ज्यादती हुयी उसके बाद ही फूलन डकैत बनी।

गाँव के प्रधान प्रतिनिधि सिद्धनाथ ने भी बताया कि जमीन को लेकर उसके चाचा मैयादीन ने झूठा मुकद्दमा  लिखा दिया उसी के बाद वह डकैत बन गई।

बेहमई कांड का फैसला 6 जनवरी को आ जायेगा लेकिन अब देखना यह है कि फूलन देवी की माँ की 40 बीघा जमीन पर जो चाचा ने कब्जा किया है उस जमीन को सरकार द्वारा उसकी माँ को कब मिलेगी

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