अभी-अभी : सुप्रीम कोर्ट के एक फरमान ने मोदी के छुड़ाए पसीने लेकिन देश मनाएगा जश्न, अब नहीं करना होगा…

सर्वोच्च न्यायालयनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को झटका देने वाला फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आधार संख्या को स्थायी खाता संख्या (पैन) से जोड़ना अनिवार्य करने को लेकर आयकर अधिनियम में हाल में जोड़े गए नए प्रावधान को बरकरार रखा, लेकिन इसके क्रियान्वयन पर आंशिक रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति ए.के.सीकरी तथा न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि जिनके पास पहले से ही आधार संख्या है, वे उसे पैन संख्या के साथ जोड़ सकते हैं, लेकिन जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उनपर इसके लिए दबाव नहीं डाला जा सकता।

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न्यायमूर्ति सीकरी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आयकर अधिनियम का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) तथा अनुच्छेद 19 का उल्लंघन नहीं है। उन्होंने कहा कि नया प्रावधान प्रत्याशित रूप से प्रभावी हो सकता है, पूर्वव्यापी तौर पर नहीं, तथा पहले की गई लेनदेन की फिर से समीक्षा नहीं की जा सकती।

कोर्ट के इस फैसले से जहां मोदी सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर असर पड़ सकता है वहीं, इससे परेशान आम जनता को जरूर राहत मिली है।

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