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केंद्रीय वित्त मंत्रीनई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून को साकार करने में सहयोग देने व योगदान करने के लिए गुरुवार को सभी राजनीतिक पार्टियों का शुक्रिया अदा किया। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों को लिखे खत में जेटली ने कहा, “सभी राजनीतिक पार्टियों के सहयोग से जीएसटी के लिए 101वें संविधान संशोधन अधिनियम को संसद ने पारित किया और इसे आठ सितंबर, 2016 को अधिसूचित कर दिया गया।”

उन्होंने कहा कि तीन कानून जीएसटी, एकीकृत जीएसटी तथा केंद्रशासित प्रदेश जीएसटी पहले ही संसद द्वारा पारित किए जा चुके हैं, जबकि राज्य जीएसटी कानून को 25 राज्यों ने पारित कर दिया है।

जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने बीते आठ महीनों के दौरान 15 बैठकें कीं और कानून के मसौदे तथा तमाम वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को मंजूरी प्रदान की।

उन्होंने कहा कि देश को स्वतंत्रता मिलने से लेकर अब तक जीएसटी सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है और इससे देश में व्यापार करना सरल होने जा रहा है। यह नए निवेश को बढ़ावा देगा तथा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर में योगदान करेगा।

नए कर कानून के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में सांसदों व विधायकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए जेटली ने कहा, “उनके लिए महत्वपूर्ण है कि वे नई कर व्यवस्था की बारीकियों को समझें, ताकि वे देश भर में लोगों को इसे समझा सकें।”

उन्होंने कहा, “जीएसटी लागू करने के शुरुआती दौर में अगर व्यापार व उद्योग को परेशानी आती है, तो लोगों के प्रतिनिधियों को इससे बेहतर तरीके से निपटने के लिए उन्हें सक्षम किया जाना चाहिए जिसके लिए उन्हें इस संबंध में सही तरीके से प्रशिक्षित करना होगा।”

जेटली ने विभिन्न पार्टियों के अध्यक्षों से अपील की है कि वे सभी सांसदों तथा विधायकों के लिए कार्यशालाएं तथा प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने पर विचार करें, जिसके लिए विशेषज्ञ की व्यवस्था करने में केंद्र सरकार को प्रसन्नता होगी।

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