विधानसभा में गरमाया ‘समानांतर सदन’ चलाने का मुद्दा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को सत्तापक्ष ने विपक्षी सदस्यों द्वारा समानांतर सदन चलाने का मुद्दा उठाया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने की मांग की। इसके जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि समानांतर सदन चलाने वालों को नोटिस जारी किया जाएगा।
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विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने परंपरा तोड़ी है। भाजपा विधायक मथुरा पाल के निधन के मौके पर सदन का बहिष्कार करना ठीक नहीं था।
उन्होंने कहा, “विपक्ष यह नहीं बता पा रहा है कि कौन सी बात अमर्यादित है? उन्हें जनता ने ज्ञापन देने के लिए नहीं, बल्कि अपनी आवाज उठाने के लिए चुनकर भेजा है। विपक्ष जनता के साथ धोखा कर रहा है। समानांतर सदन चलाना विधानसभा की अवमानना है। विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
भाजपा विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने इस संबंध में विपक्षी सदस्यों को दंडित करने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि दोषियों को दंडित करने पर विचार किया जाएगा। प्रतीकात्मक सदन चलाने में शामिल सम्मानित सदस्यों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा जाएगा।
गौरतलब है कि भाजपा विधायक मथुरा पाल के निधन को लेकर सोमवार को विधानसभा में एक शोकसभा आयोजित की गई थी, लेकिन इस दौरान पूरा विपक्ष शोकसभा में शामिल नहीं हुआ था। विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी और आजम खान ने सोमवार को विधानसभा के सेंट्रल हाल में शोकसभा आयोजित की थी।
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इसी बात को लेकर सत्ता पक्ष के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष भी नाराज हैं। सत्तापक्ष का कहना है कि विधानसभा के भीतर विपक्ष ने ‘समानांतर सदन’ चलाने का प्रयास किया, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करनी चाहिए।
सत्तापक्ष की इस बात से विधानसभा अध्यक्ष भी सहमत दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सभी सदस्यों को नोटिस भेजा जाएगा।
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