शादी से पहले संभलकर बढ़ाएं कदम, कोर्ट नहीं देगा साथ

शादी का झांसा देकर रेपनई दिल्ली। प्यार, सेक्स और धोखा के कई मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। इन सभी मामलों में ज्यादातर लडकियां इस बिनाह पर रेप का अरोप मढ़ देती हैं कि शादी का झांसा देकर रेप किया गया। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब मुंबई हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि ‘शादी का वादा’ हर मामले में रेप की वजह नहीं हो सकता।

शादी का झांसा देकर रेप

21 साल के लड़के को जमानत देते हुए कोर्ट ने साफ़ किया कि लड़कियों ने इसे अपनी गलतियों को छिपाने का आधार बना लिया है। इसलिए कोर्ट ने पढ़ी-लिखी लड़कियों को चेताया कि शादी के वादे के आधार पर सहमती से किया गया सेक्स का नाम देने की कोशिश न की जाए।

कोर्ट की जज मृदुला शंकर ने कहा कि अगर लड़की शादी से पहले सेक्स करती है तो वह उस फैसले की जिम्मेदारी लें, क्योंकि वह दोनों की मर्जी से होता है, न कि जबरन।

ख़बरों के मुताबिक जज ने कहा कि धोखाधड़ी से प्राप्त की गई सहमति की घटनाओं में लालच एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। सबूत ऐसे होने चाहिए जिसमें साफ जाहिर हो कि लड़की को संबंध बनाने के लिए किस हद तक लालच दिया गया, पर शादी का वादा रेप की श्रेणी में नहीं आएगा।

कोर्ट ने कहा कि ये लड़की की जिम्मेदारी है कि वो शादी से पहले सेक्स करती है या नहीं। हालांकि, ये साफ है कि आजकल की पढ़ी-लिखी युवा पीढ़ी को यौन संबंधों की काफी जानकारी होती है। जज ने ये भी कहा कि समाज में बदलावों के बावजदू आज भी शादी से पहले सेक्स करने को रेप की श्रेणी में डाल दिया जाता है।

इस तरह के मामलों में लड़कियां संबंध बना लेती हैं, लेकिन जिम्मेदारी लेने से बचती हैं, जो कि सही नहीं।

इसलिए युवा लड़कियों को इस बात को ध्यान रखने की जरूरत है। यदि वह इस संबध में सहमती जताती है। बाद में अनबन होने पर इसे रेप का नाम देकर कोर्ट में गुहार लगाती हैं तो उसे एक सिरे से खारिज कर दिया जाएगा।

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