शहीदों को सम्मान देने पहुंचे थे पूर्व सीएम अखिलेश लेकिन कर डाली शर्मनाक गलती

शहीदोंआजमगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 30 अगस्त को आजमगढ़ में शहीदों का सम्मान कर रहे थे। लेकिन सम्मान देते वक्त उनसे एक बेहद शर्मनाक गलती हो गई। कार्यक्रम के दौरान आयोजकों ने परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी के बजाय दूसरी महिला को अखिलेश के हाथों सम्मानित करा दिया। समारोह में न तो अखिलेश यादव शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को पहचान सके और ना ही सपाई। उनके नाम पर दूसरी महिला को सम्मानित कर जमकर वाहवाही लूटी गई। लेकिन जब पोल खुली तो पूरे समारोह पर ही सवाल उठने लगे हैं।

अब चर्चा इस बात की है कि आखिर 33 परिवार जिन्हें शहीद बताकर सम्मानित किया गया उनमें सही कितने है। आयोजक इस ममाले में अपनी सफाई देने में जुटे हैं। जबकि सपाई उसे दूसरे का कार्यक्रम बता रहे हैं। जबकि यही सपाई पूरे कार्यक्रम की मॉनीटरिंग कर रहे थे। साथ ही अखिलेश की सपा को सफल बनाने के लिए आधा दर्जन जिलों से कार्यकर्ताओं को एकत्र किया गया था। वीर अब्दुल हमीद कोई आम आदमी नहीं थे, उन्हें परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। यह उनका और शहीद परिवार का अपमान है।

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बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कई बार रसूलन बीबी से मिल चुके हैं। शहीदों के सम्मान समारोह के कार्यक्रम में गाजीपुर के रहने वाले अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह मंच पर मौजूद थे। अगर यह जानबूझ कर नहीं किया गया तो कम से कम उन्हें रसूलन बीबी को पहचानना चाहिए था।

शहीद अब्दुल हमीद के परिजन ग़ाज़ीपुर के दुल्लहपुर में रहते हैं। शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी और उनके परिजन अखिलेश के कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं थे। कार्यक्रम के बाद शहीद के परिजनों ने जब शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का पूर्व सीएम अखिलेश के हाथों सम्मान की खबरें सुनी तो हतप्रभ रह गए। शहीद के परिजनों को समझ ही नहीं आ रहा कि जब वे कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं रहे तो शहीद के नाम पर आयोजकों ने किसका सम्मान कर दिया। सम्मान के नाम पर फर्जीवाड़ा की इस पूरी घटना से शहीद अब्दुल हमीद के परिजन आहत हैं।

 

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