डोकलम विवाद : चीन ने खोला अजीबोगरीब सच, हकीकत हुआ तो देश से ज्यादा खुद शर्मिंदा होंगे मोदी

शर्मिंदा होंगे मोदीनई दिल्ली। डोकलम विवाद को लेकर भारत-चीन सीमा पर करीब महीने भरा से तनाव बना हुआ है। लेकिन दोनों देशों के बीच हो रही बयानबाजी के बीच इसका कोई सार्थक हल नहीं निकल पा रहा। ऐसे में अब चीन ने दावा किया है कि डोकलम के जिससे हिस्से को भूटान का बताकर भारत चीन से भिड़ने के लिए तैयार है, असल में वह भूटान का हिस्सा है ही नहीं। दावा है कि भूटान ने उस विवादित हिस्से में  चीन स्वामित्व माना लिया है। उस जमीन को भूटान ने चीन का स्वीकार कर लिया है। ऐसे में भूटान का साथ देने में खुद शर्मिंदा होंगे मोदी जी यदि यह बात हकीकत साबित हुई तो…

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चीन के सीमा विवाद से जुड़े मामलों के वरिष्ठ जानकार वांग वेनली ने दावा किया है कि भूटान ने विवादित जमीन को चीन का हिस्सा मान लिया है।

भारतीय मीडिया के एक प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस जमीन का विवाद खत्म हो गया है।

हालांकि वांग के इस दावे की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है। खुद वांग भी अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य नहीं दे पाए हैं।

यहां गौर करने वाली बात है कि भूटान ने अभी तक इस मामले पर अपना रुख नहीं बदला है और ना ही कोई आधिकारिक बयान आया है कि भूटान ने विवादित जमीन पर चीन का अधिकार स्वीकार कर लिया है।

वहीं वांग ने दावा किया है कि भूटान ने अपने कूटनीतिक माध्यम के जरिए पेइचिंग को यह संदेश भेजा था, उसमें उन्होंने कहा था कि भारत और चीन की सीमाएं जिस जगह पर एक दूसरे के सामने खड़ी हैं वह भूटान की जमीन नहीं है।

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गौर करने वाली बात यह है कि भारत इस विवाद के शुरू से ही डोकलम  को भूटान का हिस्सा बताता आया है।

भारत ने भूटान के साथ रक्षा क्षेत्र मे अपने सहयोग के करार का हवाला देते हुए अपनी सेना डोकलम  पर तैनात की थी।

इस क्षेत्र में जब चीन ने सड़क निर्माण शुरू किया तो भूटान और भारत ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

इस पूरे प्रकरण पर भूटान का कहना था कि 16 जून को चीन की सेना ने डोकलम  में घुसकर सड़क बनाने की कोशिश की, जोकि गैरकानूनी है और दोनों ही देशों के बीच द्विपक्षीय करार का उल्लंघन है। भूटान के इस रूख से इतर वांग का दावा है कि भारतीय सैनिकों के चीन की सीमा में आने से भूटान के लोग काफी हैरान हैं।

आपको बता दें कि वांग चीन के विदेश मंत्रालय के डिपॉर्टमेंट ऑफ बाउंड्री एंड ओसंस अफेयर्स विभाग के डेप्युटि डायरेक्टर जनरल हैं।

वांग का यह भी कहना है कि इस विवाद के दौरान चीन और भूटान की करीब 19 बार मुलाक़ात हो चुकी है। वहीं इस विवाद को लेकर भारत ने भी चीन से 19 बार मुलाक़ात की।

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