देश में पांच बार फ्लोर टेस्ट की नौबत, जानें कब-कब हुआ शक्ति परीक्षण

देश में पांच बार ऐसा हुआ, जब सरकार बनाने की सियासी दलों की खींचतान के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। उसके निर्णयों ने विवाद खत्म किए और महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।

शक्ति परीक्षण

कर्नाटक 2018 : येदियुरप्पा का तीन दिन में इस्तीफा

मामला : विधानसभा चुनाव बाद भाजपा 222 में से 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। राज्यपाल वजुभाई वाला ने वीएस येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई और 15 दिन में विश्वासमत साबित करने को कहा।

विवाद : कांग्रेस-जदएस ने चुनाव बाद गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा किया और सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने बहुमत साबित करने की समय सीमा तीन दिन की।

परिणाम : येदियुरप्पा ने बहुमत न मिलता देख विश्वासमत से 10 मिनट पहले ही इस्तीफा दे दिया।

आज का राशिफल, 27 नवंबर 2019, दिन – बुधवार

उत्तराखंड 2016 : नौ कांग्रेस विधायक भाजपा के साथ हुए

मामला : 2012 केविस चुनाव में 70 सीटों में से कांग्रेस ने 32 व भाजपा ने 31 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने सरकार बनाई। 2016 में विनियोग विधेयक पर कांग्रेस के नौ विधायकों ने भाजपा का समर्थन कर दिया।

विवाद : केंद्र ने कांग्रेस की हरीश रावत सरकार को अल्पमत में मानकर 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगाया। रावत सुप्रीम कोर्ट गए। उन्हें नौ दिन में विश्वासमत हासिल करने को कहा गया।

परिणाम : मतदान के बाद कोर्ट में केंद्र के वकील ने बताया कि रावत सरकार को बहुमत मिल गया। राष्ट्रपति शासन हटा और रावत फिर सीएम बने।

झारखंड 2005 : 10 दिन के सीएम बने सोरेन

मामला : राज्य के पहले विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में 81 में से 30 सीटें मिलीं। 17 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर झामुमो के शीबू सोरेन थे।

विवाद : राज्यपाल ने सोरेन को सरकार बनाने बुलाया, दो मार्च को शपथ दिलाई। मुंडा सुप्रीम कोर्ट गए।

परिणाम : कोर्ट के आदेश पर शक्तिपरीक्षण हुआ। एनडीए के अर्जुन मुंडा को बहुमत मिला। 10 दिन सीएम रहे सोरेन का इस्तीफा।

आज का पंचांग, 27 नवंबर 2019, दिन- बुधवार

उत्तर प्रदेश 1998 : कल्याण सरकार का संकट टला

मामला : यूपी के सीएम कल्याण सिंह को राज्यपाल रोमेश भंडारी ने रातों-रात हटाकर कांग्रेस के जगदंबिका पाल को नियुक्ति किया

विवाद : कल्याण ने शक्ति परीक्षण की मांग राज्यपाल से की, जो नकार दी गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। यहां शक्ति परीक्षण के आदेश हुए।

परिणाम : कल्याण शक्ति परीक्षण में 225 वोट पाकर सीएम बने रहे। जगदंबिका पाल को 196 वोट मिले।

 

कर्नाटक 1994 : मामला जो बना नजीर

मामला : 1988 में जनता पार्टी और लोक दल के विलय के बाद जनता दल बना, जिसे विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला। एसआर बोम्मई सीएम बने।

विवाद : 1989 में राज्यपाल पी वेंकटसुभैया ने बोम्मई सरकार को अल्पमत बताया, केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगाया। बोम्मई हाईकोर्ट गए, लेकिन हार गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई।

परिणाम : 1994 में नौ जजों की पीठ ने सात निर्णय दिए। जजों ने 5-4 के बहुमत से बोम्मई सरकार की बर्खास्तगी को असांविधानिक करार दिया। साथ ही साफ किया कि सरकार के बहुमत में होने या न होने का निर्णय केवल सदन में शक्ति परीक्षण से हो सकता है। राज्यपाल यह निर्णय नहीं कर सकते। यह आदेश अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग को रोकने में मील का पत्थर माना गया।

 

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