व्यायाम न करने से हार्ट फेल्योर का जोखिम ज्यादा, शोध में हुआ साबित

व्यायाम न करने सेनई दिल्ली।  एक सुस्त जीवनशैली आपके दिल पर बहुत ज्यादा असर डालती है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि व्यायाम न करने से और ज्यादा वजन का संबंध एक प्रकार के हार्ट फेल्योर से जुड़ा हुआ है। इसका इलाज बहुत मुश्किल है। हार्ट फेल्योर उस स्थिति में होता है, जब दिल शरीर की मांग के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजनयुक्त खून की आपूर्ति करने में अक्षम हो जाता है।

अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के सहायक प्रोफेसर जरेट बेरी ने कहा, “पहले के अध्ययन में लगातार पाया गया है कि शारीरिक व्यायाम का कम स्तर, उच्च बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) से हार्ट फेल्योर की संभावना का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन यह अध्ययन बताता है कि इनका जुड़ाव हार्ट फेल्योर के प्रिजव्र्ड इजेक्शन फ्रैक्शन से साफ तौर पर है। इस तरह के हार्ट फेल्योर का इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है।”

हार्ट फेल्योर को समान रूप से उप प्रकारों में बांटा गया है- हार्ट फेल्योर विद प्रिजव्र्ड इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफपीईएफ) और हार्ट फेल्योर विद रिडयूस्ड इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफआरईएफ)।

इजेक्शन फ्रैक्शन दिल की हर धड़कन के साथ प्रवाहित होने वाले खून की मात्रा को दर्शाता है।

हार्ट फेल्योर का इलाज करने के लिए यूं तो कई तरह के उपचार विकसित किए गए हैं, लेकिन रिड्यूस्ड इजेक्शन फ्रैक्शन हार्ट फेल्योर के अलावा दूसरे प्रकार के इलाज का कोई प्रामाणिक तरीका नहीं है।

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