वास्तु के ये उपाय व्यापार में लगा देते हैं चार चांद

व्यापारवास्तु का सम्बन्ध केवल घर तथा उसकी सुख शांति से नहीं हैं। इसका सम्बन्ध हर उस वस्तु या स्थान से होता है जिससे व्यक्ति को लाभ होता हो या जिस स्थान या वस्तु से व्यक्ति को हानि होती हैं। व्यवसाय, व्यापार दूकान, कार्यालय, फैक्ट्री या ऐसे ही अन्य स्थान हैं। जिनसें हर व्यक्ति के घर में धन आता हैं। यदि कार्य ढंग से न हो और उसमें किसी प्रकार की दिक्कत आ जाएँ। तो इसका प्रभाव कार्य करने वाले व्यक्ति के साथ–साथ उसके सहकर्मियों पर तथा आर्थिक रूप से उसके घर परिवार पर भी पड़ता हैं। वास्तुशास्त्र में कार्यस्थल से जुड़े गुणों के बारे में बताया गया हैं। जिनसे आपको लाभ हो सकता हैं तो वहीँ इसमें कार्यस्थल से जुड़े दोषों के बारे में भी बताया गया हैं और उन दोषों के प्रभाव से बचने के लिए उपाय बताए गये हैं।

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उपाय:-

  1. पैसे और कीमती चीजों को उत्तर की ओर रखी अलमारी में रखें।
  2. दुकान के अंदर बिक्री का सामान रखने के लिए सेल्फ, अलमारियां, शोकेस और कैश काउंटर उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना अच्छा माना जाता है।
  3. ध्यान रखें आप जहां बैठते हैं उसके पीछे मंदिर नहीं होना चाहिए।
  4. मालिक को हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। इससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
  5. अपने काम करने के मेज को हमेशा आयताकार बनवाएं।
  6. फैक्ट्री या कार्यालय का केंद्र स्थान (ब्रह्म स्थान) खाली होना चाहिए। वहां कोई भारी वस्तु भूलकर भी नहीं रखें।
  7. वास्तु के अनुसार, अकाउंट डिपार्टमेंट को दक्षिण-पूर्व और रिसेप्शन उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
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