‘सहयोग’ न देने वालों पर सख्त हुई केंद्र सरकार, छीनेगी वोट देने का अधिकार

वोट देने का अधिकारनई दिल्ली देश हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोट बैन फैसले से आज देश हिला हुआ है। वहीं अब यह खबर है कि केंद्र सरकार देश हित में सहयोग न देने वालों से वोट देने का अधिकार छीन सकती है।

वोट देने का अधिकार

ख़बरों के मुताबिक़ बाल अधिकारों के लिए शीर्ष निकाय एनसीपीसीआर ने सभी राज्य सरकारों से यह अपील की है कि वे स्थानीय निकाय और पंचायती राज चुनावों के लिए उन उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दें, जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते।

एनसीपीसीआर द्वारा की गई सिफारिश के मुताबिक, किसी उम्मीदवार को अपने बच्चे के स्कूल से इस बाबत एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि उसका बच्चा अमुक स्कूल में पढ़ता है और नियमित तौर पर उपस्थित रहता है।

उनका कहना है कि जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसे अपने बच्चे के स्कूल से इस बाबत एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि उसका बच्चा अमुक स्कूल में पढ़ने जाता है और नियमित तौर पर स्कूल में उपस्थित रहता है।’

उन्होंने कहा, ‘यदि व्यक्ति यह करने में नाकाम रहता है तो वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होना चाहिए।’

कानूनगो ने यह भी कहा कि यह सुझाव संविधान के 86वें संशोधन से लिया गया है, जिसमें अनुच्छेद 21A डाला गया है और शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया है।

बता दें यह केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जिनके बच्चे 6-14 वर्ष की आयु के हैं। एनसीपीसीआर के सदस्य (आरटीई एवं शिक्षा) प्रयांक कानूनगो ने कहा, ‘हमने राज्य सरकारों से स्थानीय निकाय के चुनावों और पंचायती राज संस्थानों के चुनावों के लिए निर्वाचन के नियमों में संशोधन करने की अपील की है।

LIVE TV