झारखंड : भूमि कानून संशोधनों पर जनजातीय नेताओं से चर्चा करेगी भाजपा

विवादित भूमि अधिनियमोंरांची। झारखंड में सत्तारूढ़ भाजपा ने गुरुवार को दो विवादित भूमि अधिनियमों में संशोधनों पर चर्चा के लिए जनजातीय नेताओं की एक बैठक बुलाई है। इन संशोधनों को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने वापस लौटा दिया है। झारखंड की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को तब असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब बीते सप्ताह राज्यपाल ने संशोधनों पर पुनर्विचार करने के लिए उन्हें वापस लौटा दिया।

भाजपा ने सरकार की रक्षा के लिए कदम बढ़ाए हैं और संशोधनों को आगे बढ़ाने के लिए तरीके खोजे हैं। विपक्षी पार्टियों ने सरकार से संशोधनों को फिर से राज्य विधानसभा में नहीं लाने को कहा है।

झारखंड भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने संवाददाताओं से कहा कि जनजातीय नेताओं की बैठक दो भूमि अधिनियमों में संशोधनों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। संशोधनों पर पार्टी की राय से बाद में सरकार को सूचित कर दिया जाएगा।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि जनजातीय सांसद करिया मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय विधायक व भाजपा के अनुसूचित जनजाति (एसटी) मोर्चा के नेता को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने संवाददाताओं से कहा, “संशोधन विधेयकों को जनजातीय लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लाया जाना चाहिए था। जमीन की प्रकृति को नहीं बदला जाना चाहिए। यह संवेदनशील मुद्दा है और सरकार को एक जनमत संग्रह कराना चाहिए या संवैधानिक जानकारों की राय लेनी चाहिए।”

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