वास्तु के इन नियमों को ध्यान में रख कर जलाए अखंड ज्योति,पूर्ण होगीं सभी मनोकामना

नवरात्रि का पर्व हर हिंदू के लिए बहुत ही खास होता है। हर मां का भक्त इन दिनों का बड़े ही चाव से इंतजार करता है। बहुत से लोग मां के मंदिर में जाकर सुबह शाम दीप दान करने भी जाते हैं। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते ऐसा हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में लोग अपने घरों में भी ज्योति जलाकर मां को प्रसन्न कर सकते हैं। बहुत से लोग तो अखंड ज्योत भी जालते है। किंतु उसे जलाने को लेकर वास्तु में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं अगर इन बातों का ध्यान रखा जाये तो माता रानी की कृपा होगी। नवरात्रि की इस अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है। आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन-रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है। माना जाता है कि हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश ,श्रद्र और भक्ति का प्रतीक होती है।

वास्तु

नियम- दीपक जलाने के लिए बडे़ आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लें।
अखंड ज्योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें, ऐसा करने से मां रुष्ठ हो सकती है।
दीपक को लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें।
दीपक रखने से पहले उसमें रंगे हुए चावल डालें।
अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है। इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाएं और फिर दीपक के बीचों-बींच रखें।

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दीपक में घी डालें,अगर घी न हो तो सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते है।
मान्यता अनुसार अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाई ओर रखना चाहिए। इसके साथ ही एक बात का ये भी ध्यान रखें, कि दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान ,मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान जरुर करें।

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