
जम्मू कश्मीर में 2 सिख लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन औऱ निकाह के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में लड़की के लापता होने का दावा किया जा रहा था। हालांकि लड़की ने खुद ही वीडियो जारी कर सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। लड़की ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। इसी के साथ उनसे साफ किया है कि उसके साथ कोई भी जबरदस्ती नहीं हुई है।

लड़की ने वीडियो में कहा कि मामला आज का नहीं बल्कि 2012 का है। उसने तब ही सिख धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल किया था। न ही उसका अपहरण हुआ था और न ही उसके साथ किसी भी तरह की जबरदस्ती हुई थी। सिख लड़की ने बयान में कहा कि 2014 में उसने अपने बैच मेट मुजफ्फर के साथ मर्जी से निकाह भी किया।
लड़की ने कहा कि वह कोई छोटी बच्ची नहीं है। वह 28 साल की लड़की है और उसे फैसले लेने का पूरा अधिकार है। वह लापता या किडनैप नहीं बल्कि परिवार के साथ में है। लड़की ने बताया कि जब उसने पुलिस की मदद लेनी चाही तो उसके दस्तावेजों को ठीक से नहीं देखा गया और उसका बयान तक नहीं लिया गया उसके पति को जेल में डालकर उसे(लड़की) को घरवालों के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद घरवाले उसे अमृतसर ले गए जहां उस पर बयान को लेकर दबाव बनाया जाने लगा।
लड़की ने यह भी दावा किया है कि पंजाब के सिख समुदाय के लोगों ने उसका ब्रेन वॉश करने की कोशिश की। इसी के साथ मुस्लिम पति के खिलाफ बयान देने का दबाव भी बनाया। उन्होंने लड़की को उसके पति के पास भी नहीं जाने दिया। लगातार धमकाया गया कि अगर उसने खिलाफ बयान नहीं दिया तो गोली मार दी जाएगी या एसिड अटैक करवा दिया जाएगा। इसके बाद वह कोर्ट जाने को तैयार हुई।
कोर्ट में उसने बयान दिया कि सब कुछ उसकी रजामंदी से हुआ है। इसके पीछे का कारण था कि वह किसी भी बेगुनाह को फंसाना नहीं चाह रही थी। कोर्ट ने उसकी बातों को सुना और दस्तावेज भी देखे। जिसके बाद कोर्ट ने पति पर लगाए आरोपों को झूठा बताया। लड़की ने अपील की है कि उसके मामले को किसी भी तरह से धर्म या अल्पसंख्यकर समुदाय से नहीं जोड़ा जा सकता। उसके निकाह को लेकर नफरत और प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा है और नफरत परोसी जा रही है।