वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख बनाने को कोर्ट की चुनौती

नई दिल्ली : वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख बनाने को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में चुनौती दी हैं। जहां वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने कहा है कि वे करमबीर सिंह से वरिष्ठ हैं। लेकिन  वहीं उनको प्राथमिकता न देकर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख बनाया जा रहा हैं।  देखा जाये तो 23 मार्च को वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना का अगला प्रमुख नियुक्त करने की घोषणा की गई थी।

 

नौसेना

 

लेकिन वर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा मई के अंत में रिटायर हो रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार ने मेरिट के आधार पर यह चयन किया है। वहीं पद के लिए वरिष्ठतम अफसर की नियुक्ति वाली परंपरा नहीं अपनाई गई हैं। साथ ही अंडमान-निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा इस पद के दावेदारों में थे।

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दूसरा मौका जब वरीयता को ध्यान में नहीं रखा गया –

वहीं वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने याचिका में कहा है कि सरकार ने उनकी वरीयता को ध्यान में नहीं रखा हैं। वाइस एडमिरल बिमल वर्मा का कार्यकाल सर्वाध‍िक लंबा है, लेकिन सरकार ने करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्‍त किया हैं। यह दूसरा मौका है, जब केंद्र ने वरीयता की अनदेखी की हैं।लेकिन इससे पहले 2016 में भी सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाया था।

कौन हैं वाइस एडमिरल करमबीर सिंह –

दरअसल वाइस एडमिरल करमबीर सिंह भारतीय नौसेना के 24वें प्रमुख होंगे। जहां करमबीर सिंह नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए), खड़कवासला के पूर्व छात्र रहे हैं. वह जुलाई 1980 में भारतीय नौ सेना से जुड़े हैं। देखा जाये तो एनडीए में आने से पहले उन्होंने महाराष्ट्र के बार्नेस स्कूल, देवलाली से स्नातक की शिक्षा हासिल की थी. मूल रूप से जालंधर के रहने वाले करमबीर सिंह की शिक्षा देश के कई शहरों में हुई क्योंकि उनके पिता खुद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) थे और विंग कमांडर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे. अपने 37 साल के लंबे करियर में उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साल  2018 में उनके शानदार सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और परम विशिष्ट सेवा मेडल (पूवीएसएम) से नवाजा गया था।

 

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