लद गए वकीलों के दिन, सुप्रीम कोर्ट ने मशहूर वकील जेठमलानी को जोर का झटका दे करी शुरुआत

वकीलों की मनमानीनई दिल्ली। अब वकीलों की मनमानी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी। किसी भी केस पर अपनी मनचाही तारीख लेने में वकीलों को अब पापड़ बेलने पड़ेंगे। जिसका प्रमाण सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे.एस.खेहर ने देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी के केस में दे दिया है। खेहर ने उन्हे आगे से प्रक्रिया का पालन करने की नसीहत भी दी है।

खबरों के मुताबिक उपहार मामले में जाने माने वकील राम जेठमलानी ने आरोपी गोपाल अंसल की ओर से सजा कम करने की अर्जी को जल्‍द ही दाखिल करने को कहा था। इस अर्जी के सहारे अंसल की जेल अवधि को सजा से काटे जाने और सरेंडर की तारीख को बढ़ाने की अपील की जानी थी।

जेठमलानी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुशील की तरह गोपाल की भी उम्र काफी हो चुकी है इसके साथ साथ तमाम बीमारियों ने भी उन्हे घेर रखा है। जिसके लिए उन्हें भी उनके भाई सुशील की तरह राहत दे दी जाए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के रजिस्‍ट्रार ने आपत्ति जताई और मामला शुक्रवार को दर्ज नहीं हुआ। जिसकी शिकायत शुक्रवार को खेहर से की और तुरंत सुनवाई चाही। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और साथ ही साथ आगे से कोर्ट की प्रक्रिया का पालन करने की नसीहत भी दे डाली।

चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि रजिस्‍ट्रार ने मामले को लिस्‍ट करने से मना कर दिया है तो जेठमलानी के क्‍लाइंट रजिस्‍ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने कह भी कहा कि किसी को लाइन नहीं तोड़ने दी जा सकती।

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