तमिलनाडु ने निकाला सुप्रीम कोर्ट के नियम का तोड़, बैन के बावजूद हुआ जलीकट्टू

लोमड़ी के साथ जलीकट्टू तमिलनाडु : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जलीकट्टू पर लगे बैन पर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं सलेम के पास चिन्नामनईएकन्नपलायम गांव में वन विभाग के अधिकारियों ने इस फैसले का सम्मान न करते हुए. गांववालों को लोमड़ी के साथ जलीकट्टू खेलने की छूट दे दी. जलिकट्टू का लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है. इस विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रशासन ने ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ा दी.

वन विभाग के अधिकारियों ने गांववालों को लोमड़ी जलीकट्टू खेल का आयोजन कर सकते हैं.

लोमड़ी के साथ जलीकट्टू का आयोजन

इस खेल से पहले लोमड़ी का मुंह बांध दिया गया था ताकि वह इस खेल में हिस्सा ले रहे किसी प्रतिभागी को काट ना ले.

गांववाले लोमड़ी को एक मंदिर के सामने लेकर आए और उसकी पूजा की. लोमड़ी को फूलों की माला पहनाई गई. इसके बाद लोमड़ी के पिछले पैर को एक पतली रस्सी से बांध दिया गया था. इस खेल में भाग लेने वाले गांववाले लोमड़ी को पकड़ने की कोशिश में उसका पीछा कर रहे थे. खेल खत्म होने के बाद लोमड़ी को जंगल में छोड़ दिया गया.

हालांकि लोमड़ी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आती हैं. यह आयोजन वन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में हुआ.

सलेम जिले के अलग-अलग इलाकों में हर साल कानुम पोंगल के मौके पर फॉक्स जलीकट्टू नाम के इस खेल का आयोजन होता है.

सुप्रीम कोर्ट ने जलिकट्टु को पूरी तरह से बैन कर दिया है. कोर्ट का मानना है कि इस खेल में जानवरों के साथ बर्बरता होती है.

 

 

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