कानपुर लोकसभा सीट पर 15 सालों बाद सामने आए ये दिग्गज नेता, कितना कड़ा होगा मुकाबला!

लोकसभा चुनाव 2019 के दंगल में करीब 15 साल के लंबे अर्से बाद कानपुर की HOT SEAT पर पचौरी और श्रीप्रकाश आमने-सामने होंगे। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने वाले सीधे मुकाबले ने चुनावी जंग को और भी रोचक बना दिया है।

कानपुर लोकसभा सीटजहां कांग्रेस ने तीन बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है। तो बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटकर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और स्थानीय नेता सत्यदेव पचौरी पर दांव चला है। दिलचस्प बात ये है कि करीब 15 साल बाद कानपुर से चुनावी दंगल में पचौरी बनाम जायसवाल की जंग देखने को मिलेगी।

2004 में जायप्रकाश से हार गए थे पचौरी

15 साल पहले 2004 के आम चुनाव में बीजेपी ने कानपुर लोकसभा सीट से सत्यदेव पचौरी को कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। जायसवाल ने तब पचौरी को करारी शिकस्त दी थी। उन्हें 2,11,109 वोट मिले थे, जबकि पचौरी ने 205,471 वोट हासिल किए  थे। इस चुनाव में भले ही पचौरी हारे, लेकिन उन्होंने जायसवाल को कड़ी टक्कर दी थी। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर महज 5638 वोट का था। अब एक बार फिर 2019 में दोनों आमने-सामने होंगे।

ब्राह्मण बहुल सीट है कानपुर

ब्राह्मण बहुल कानपुर संसदीय सीट बड़े चेहरों की वजह से आईपी हो चुकी है। कांग्रेस नेता श्रीप्रकाश जायसवाल तीन बार यहीं से जीतकर संसद पहुंचे और केंद्रीय मंत्री भी बने। इस बार भी कांग्रेस ने उनपर दांव चला है।

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कब-कब जीते जायसवाल

कानपुर सीट पर 1991, 1996 और 1998 में लगातार जीत हासिल करने वाले बीजेपी के कैप्टन जगतवीर सिंह द्रोण को हराकर श्रीप्रकाश जायसवाल ने 1999 में कानपुर सीट पर कब्जा किया।

फिर 2004 और 2009 में जीत की हैट्रिक लगाई।

मनमोहन सरकार में जायसवाल केंद्रीय मंत्री रहे।

2014 की मोदी लहर में श्रीप्रकाश जायसवाल को बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने 222946 मतों से हराया।

जातिगत समीकरणों में फिट माने जा रहे हैं पचौरी

कानपुर से बीजेपी प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी जातिगत समीकरणों में फिट जाने जा रहे हैं। दरअसल, कानपुर में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य मतदाताओं का आंकड़ा तकरीबन 35-40 फीसदी है। जबकि मुस्लिम मतदाता 20-22 फीसदी, दलित-ओबीसी करीब 25-27 फीसदी और बाकी अन्य हैं। ब्राह्मण बहुल कानपुर सीट पर मुरली मनोहर जोशी का टिकट कटने के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी को बीजेपी ने पचौरी को मैदान में उतारकर भरने की कोशिश की है। बीजेपी में उनकी लंबी-चौड़ी और सफल राजनीतिक पारी रही है। कहा जा रहा है कि उनके चुनावी रिपोर्ट कार्ड को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कानपुर से टिकट दिया।

पहले पचौरी की बेटी को टिकट मिलने की बात भी चली

सत्यदेव पचौरी से पहले उनकी बेटी नीतू सिंह का नाम भी कानपुर से टिकट देने के लिए उठा था। हालांकि कहा ये जा रहा है कि पचौरी के नाम पर खुद जोशी अड़े हुए थे। उन्हीं के कहने पर सत्यदेव पचौरी को कानपुर से टिकट दिया गया।

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जानिए कौन हैं सत्यदेव पचौरी

सत्यदेव पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1972 में कानपुर के बीएसएसडी कॉलेज से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीतकर की थी। इसके बाद से ही पचौरी राजनीति में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। पचौरी जेपी आंदोलन का भी हिस्सा रहे। जनसंघ और बीजेपी संगठन में अहम जिम्मेदारियां निभाईं और 1991 में विधानसभा चुनाव में आर्यनगर सीट से पहला चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि इसके बाद 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर पार्टी ने 2004 में कानपुर संसदीय सीट से उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाया, जिसमें वे महज कुछ वोटों के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल से हार गए।

इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव ने पचौरी को गोविंदनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया और वो जीते। 2017 के चुनाव में भी उन्होंने गोविंदनगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। वर्तमान में वे योगी सरकार में लघु उद्योग मंत्री हैं। 2019 में भाजपा ने फिर उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया है और कानपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है।

पूर्व विधायक रामकुमार बने गठबंधन प्रत्याशी

कानपुर संसदीय सीट से पूर्व सांसद मनोहर लाल के बेटे और उन्नाव के पूर्व विधायक रामकुमार को SP-BSP ने गठबंधन का प्रत्याशी बनाया है। रामपुर बीजेपी प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी और कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल से चुनावी मैदान मेंमुकाबला होगा।

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पिछले चुनावों के परिणाम

2004 का लोकसभा चुनाव

कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 211109 मत हासिल किए और जीते।

बीजेपी के सत्यदेव पचौरी को 205471 मतों से दूसरे नंबर पर रहे।

सपा के हाजी मुश्ताक सोलंकी को 159361 मत हासिल कर तीसरे पायदान पर रहे।

बीएसपी के अनुभव को 27962 वोट मिले।

2009 का लोकसभा चुनाव

कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल 214988 वोटों से जीतकर संसद पहुंचे।

बीजेपी के सतीश महाना को 196082 वोट मिले।

बीएसपी की सुखदा मिश्रा 48374 मतों से तीसरे नंबर पर रहीं।

सपा के सुरेंद्र मोहन अग्रवाल को 34919 वोट मिले।

2014 का लोकसभा चुनाव

बीजेपी के डॉ. मुरली मनोहर जोशी 474712 वोट हासिल कर जीते।

कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 251766 मत मिले।

बीएसपी के सलीम अहमद ने 53218 वोट हासिल  किए।

सपा के सुरेंद्र मोहन अग्रवाल को 25723 मत मिले।

 

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