लॉकडाउन में बच्चों के साथ रखें ऐसा व्यवहार, ताकि ना हो बोर

लॉकडाउन के दौरान घर में कैद रहना बच्चों के लिए ज्यादा मुश्किल साबित हो रहा है। उनके खाने-पीने से लेकर खेलने और सोने की आदतें बदल रही हैं। सामान्य रुटीन और अलग-अलग गतिविधियों से दूर सिर्फ घर पर ही रहने से बच्चे चिड़चिड़े और अनुशासनहीन भी हो रहे हैं। उनके व्यवहार में तेजी से बदलाव भी देखा जा सकता है। घर में रहकर बच्चे चीजों को जरूर अस्त-व्यस्त करते हैं या आपस में लड़ते हैं। ऐसी स्थिति में उन पर ज्यादा चिल्लाएं नहीं। आप उनके गुस्से का कारण जानें। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वक्त बच्चों से ज्यादा नरमी से पेश आने का है। बच्चों की ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं और उनका अलग रुटीन बनाएं।

 लॉकडाउन में बच्चों के साथ रखें ऐसा व्यवहार, ताकि ना हो बोर

ज्यादा ध्यान देने की जरूरत
घर पर स्कूल जैसा रुटीन बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण है। न वे अपने दोस्तों से मिल पा रहे हैं, न ही पार्क जा पा रहे हैं। उनके खाने-पीने, खेलने और सोने की आदतें भी बदल रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता उन पर ज्यादा ध्यान दें। उनके व्यवहार में आ रहे बदलाव पर गौर करें और उनके साथ समय बिताकर तनावपूर्ण माहौल में उन्हें सकारात्मक रखें।

सहानुभूति दिखाएं, प्यार से पेश आएं
बच्चों को बताएं कि आप उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं। उनसे पूछें कि वे क्या खाना पसंद करेंगे। साथ बैठकर खाना खिलाएं। वे अगर नाखुश हों तो उन्हें गले लगाएं। उन्हें किसी न किसी मानसिक गतिविधि से जोड़ें। यह ऐसा वक्त है, जब बच्चे को ज्यादा करुणा की जरूरत है।

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साथ गाना गाएं, डांस करें, कहानियां सुनाएं
बच्चों में काफी ऊर्जा होती है, जिसे सही दिशा में न लगाया जाए तो वे इसे अनुत्पादक गतिविधियों में खपाते हैं। इसलिए जरूरी है कि जब भी आपको अतिरिक्त समय मिले तो उनके साथ गाना गाने या डांस जैसी गतिविधि करें। उन्हें प्रेरणादायी कहानियां सुनाएं। उनके साथ मिलकर किसी प्ले या ड्रामा का सीन करें। अगर बच्चे थोड़े बड़े हों तो उन्हें उनके बचपन के किस्से बताएं। अगर माता-पिता बच्चों के साथ खुद किसी खेलकूद या अन्य कार्य में शामिल होते हैं तो उनमें आत्मविश्वास मजबूत होता है। बेहतर होगा बच्चों का एक रुटीन बनाएं।

बच्चों के साथ करें व्यायाम, मेडिटेशन
घरों में आजकल बड़ों के बीच संक्रमण को लेकर ही ज्यादा बातें होती हैं। यह न समझें कि इस तनाव से बच्चे दूर हैं। वे भी टीवी देख रहे  या आपकी बातें सुन रहे होते हैं। इसलिए स्वयं को सकारात्मक रखना जरूरी होता है। आप तनाव में आएंगे तो बच्चे पर भी असर होगा। तनाव दूर करने के लिए व्यायाम करें, मेडिटेशन करें और बच्चों को भी इसमें शामिल करें। कोरोना से जुड़ी खबरें देखने का कोई एक समय तय करें। दिनभर इससे जुड़ी चर्चा आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ बच्चों पर भी असर डालती है।

 

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