लालू के पूर्व एमएलसी का कारनामा, 50 से ज्यादा मजदूरों के बैंक में खोले जाली खाते
पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व विधान पार्षद (एमएलसी) और अवामी सहकारिता बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद के कई ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी में काला धन को सफेद करने के प्रमाण मिले हैं। इस दौरान करीब 50 से ज्यादा मजदूरों के बैंक में खाता खोले गए हैं, जिसकी जानकारी उन मजदूरों को भी नहीं है।
पटना आयकर विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार को अनवर के पटना के सब्जीबाग स्थित द बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के मुख्य कार्यालय और उनके आवास के अलावा फुलवारीशरीफ स्थित अल राबिया एजुकेशनल और वेलफेयर ट्रस्ट के कार्यालय में एक साथ छापेमारी की गई।
विभाग के सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम ने पूर्व एमएलसी के घर से 10 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसमें सभी नोट 2000 और 500 रुपये के हैं। छापेमारी में कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज और बैंकों में निवेश के कागजात भी आयकर विभाग के हाथ लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के क्रम में द बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के खाते एवं कागजातों की पड़ताल के दौरान नोटबंदी के बाद 50 ऐसे बेनामी खातों का पता चला है, जिसमें नोटबंदी के बाद अचानक दो से ढाई लाख रुपये तक जमा किए गए और बाद में इन खातों से एक करोड़ रुपये से अधिक राशि निकाल ली गई।
आयकर ने जांच में पाया कि खाता खोलने से लेकर रुपये के निकासी तक अनियमिता बरती गई है। जिन लोगों के नाम खाते खोले गए, उसमें अधिकांश मजदूर हैं, जिन्हें यह पता भी नहीं है कि उनके बैंक खाते भी हैं। आयकर विभाग ने ऐसे सभी खातों को फिलहाल सीज कर दिया है और अभी भी जांच जा रही है। कई मजदूरों ने ही इसकी शिकायत आयकर विभाग से की थी।
पटना आयकर विभाग के निदेशक (अनुसंधान) अशोक कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि अभी भी तलाशी और जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कई अनियमितता सामने आने की पुष्टि की है।
इस बैंक पर लालू के ‘कबाब मंत्री’ के तौर पर प्रसिद्ध राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद का कब्जा रहा है। इस सहकारिता बैंक के अनवर अध्यक्ष हैं और उनके परिवार के ही अधिकांश सदस्य इसमें सदस्य या अन्य महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं।