आइएएस अनुराग तिवारी केस में बड़ी लापरवाही उजागर, दारोगा सहित तीन सस्पेंड

आइएएस अनुराग तिवारीलखनऊ। कर्नाटक के आइएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर जब अनुराग का शव मिला था, तब एक युवक ने इसकी सूचना सबसे पहले 100 नंबर पर दी थी, लेकिन यूपी डॉयल 100 की टीम स्थानीय पुलिस के पहुंचने के बाद मौके पर पहुंची थी। इस मामले में लापरवाही उजागर होने पर डायल 100 के दारोगा (प्रोन्नतमान) व दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं अब तक प्रत्यक्षदर्शी को तलाशने का दावा कर रहे एसआइटी की भी बड़ी चूक सामने आई है। सूचना देने वाले युवक को एसआइटी अब तक तलाश नहीं सकी है। अब एसआइटी 100 नंबर पर सूचना देने वाले युवक के बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

आइएएस अनुराग की मौत के मामले में 17 मई की सुबह करीब छह बजे नरही चौकी पर तैनात सिपाही हरवीर मौके पर पहुंचे थे। हरवीर को एक राहगीर ने शव पड़े होने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे हरवीर ने हजरतगंज थाने और इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दी थी। थाने से पहुंची पुलिस टीम अनुराग को उठाकर सिविल अस्पताल ले गई थी, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इससे पूर्व सुबह 5:33 बजे एक युवक ने शव पड़े होने की सूचना 100 नंबर पर दी थी। बताया गया कि युवक ने बीच सड़क एक व्यक्ति को पड़ा देखकर पहले समझा कि कोई नशे की हालत में गिर गया है। उसने पास जाकर देखा तो खून बिखरा था। तब युवक ने शव पड़े होने की सूचना 100 नंबर पर दी थी। युवक मीराबाई मार्ग स्थित एक कॉल सेंटर में काम करता है।

युवक के सूचना देने के बाद डायल 100 की टीम स्थानीय पुलिस के पहुंचने के बाद मौके पर पहुंची थी, जबकि डॉयल 100 का रिस्पांस टाइम 10 मिनट होने का दावा किया जाता है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक लापरवाही सामने आने पर डायल 100 की पीआरवी 467 पर तैनात रहे दारोगा (प्रोन्नतमान) हरिशंकर, सिपाही लालमन व अश्वनी कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले में पुलिस जांच अब तक बेनतीजा है। पुलिस पड़ताल को लेकर घरवालों ने भी लगातार सवाल खड़े किए हैं। वहीं पुलिस की एक के बाद एक चूक भी सामने आ रही हैं। ऐसे में अब घटना के 12 दिन बाद लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

भाई ने जताई फोन टेप होने की आशंका

आइएएस अनुराग तिवारी के बड़े भाई मयंक तिवारी ने अब उनकी कॉल टेप होने की आशंका भी जाहिर की है। मयंक ने कहा है कि कोई बड़ी बात नहीं है कि अनुराग की हत्या कराने वाले उनका फोन सुन रहे हों। मयंक के मुताबिक अनुराग की हत्या में बड़े लोगों का हाथ है और वे कुछ भी करवा सकते हैं। परिवार के बार-बार ऐसी आशंकाएं जाहिर करने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने अब तक उन्हें कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई है। आइएएस अनुराग तिवारी के घरवालों का आरोप है कि अनुराग बेंगलुरु में एक बड़े घोटाले की जांच कर रहे थे। अनुराग ने घरवालों से वापस जाकर उन बड़ों को बेनकाब करने की बात कही थी। अनुराग ने अपने बड़े भाई मयंक से संभलकर रहने की बात भी कही थी।

पुलिस कराना चाहती थी दोबारा पीएम

पुलिस भी आइएएस अनुराग के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के पक्ष में थी। परिवारीजन भी शुरुआत में इसके लिए राजी थी। बताया गया कि मौत का कारण पूरी तरह से स्पष्ट न होने पर नौ डॉक्टरों के पैनल से दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की तैयारी थी। बाद में दोबारा पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। घरवालों ने एक डॉक्टर की भूमिका पर संदेह भी जताया था।

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