लड़की हमेशा मोबाइल की ब्राइटनेस बढ़ाकर देखती थी सबकुछ, आंखों में हुए 500 छेद

ताइवान। स्मार्टफोन ने पूरी दुनिया को आपकी मुठ्ठी में समेट दिया है। एप्स, गेम्स और मनोरंजन के तमाम साधन होने की वजह से पता ही नहीं चलता है कि कब समय बीत गया। हालांकि, टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा ही एक मामला ताइवान में सामने आया है, जहां मोबाइल के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल की वजह से एक लड़की के आंखें खराब हो गईं।

लड़की का नाम चेन है और उसकी उम्र महज 25 साल है। बताया जा रहा है कि वह मोबाइल की ब्राइटनेस फुल करके दिन-रात फोन का इस्तेमाल करती थी। इस वजह से उसकी बाईं आंख के कॉर्निया में 500 छेद हो गए। आंख की सबसे सामने वाली पारदर्शी परत को कॉर्निया कहते हैं, जो प्रकाश को केंद्रित कर चीजों को देखने के लिए जिम्मेदार होती है।

लड़की अपने काम की वजह से मोबाइल को हमेशा फुल ब्राइट करके रखती थी, ताकि वह ऑफिशियल मेल, मैसेज और कॉल का जवाब दे सके। ऑफिस के अलावा वह घर पर भी ऑफिस के काम निपटाने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करती रहती थी। इसके साथ ही वह मोबाइल पर वीडियो भी देखती थी। दिन में सूर्य की रोशनी में मोबाइल देखने में परेशानी नहीं हो, इसके लिए वह फोन को फुल ब्राइट करके रखती थी।

हालांकि, घर पहुंचने के बाद वह ब्राइटनेस को कम नहीं कर पाती थी। साल 2018 तक दो साल उसने इसी तरह से काम किया, जिसके बाद उसे आंखों में दर्द महसूस हुआ। धीरे-धीरे आंखों में दर्द और ब्लडशॉट दिखने लगे और धीरे-धीरे दिखने में भी दिक्कत होने लगी। जब उसने डॉक्टर को दिखाया, तो पता चला कि बाईं आंख के कोर्निया में 500 छेद हो चुके हैं। फिलहाल उस लड़की का इलाज किया जा रहा है।

राफेल मामले में अपने फैसले पर दोबारा विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, याचिका पर होगा पुनर्विचार…

डॉक्टर ने बताया कि आंखों के लिए 300 ल्यूमेन्स लाइट पर्याप्त है। मगर, वह लड़की 635 ल्यूमेन्स की लाइट में मोबाइल देखती थी। डॉक्टरों का कहना है कि मोबाइल की स्क्रीन की ब्राइटनेस को 250 ल्यूमेन्स से कम रखें, ताकि इससे आंखों में तनाव नहीं हो और वह ब्लू रेज से होने वाले नुकसान से बच सकें।

LIVE TV