
लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद लखनऊ से निकलकर वहां पहुंचने का खेल पूरी रात जारी रहा। हालांकि प्रियंका के इस लुका-छुपी के खेल को पुलिस और प्रशासन ने नाकाम कर दिया। वह लखनऊ के रास्ते सिधौली तक पहुंची फिर पुलिस औऱ प्रशासन को चकमा देकर दूसरे रास्ते की ओर बढ़ चलीं।

पुलिस ने कमलापुर से लेकर लहरपुर तक कई जगह पर नाकेबंदी की थी। टोल प्लाजा पर खुद डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी आरपी सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद थे। लेकिन आगे रोके जाने के डर से प्रियंका गांधी रूट बदलकर दूसरे रास्ते पर चल दीं। जैसे ही यह जानकारी पुलिस प्रशासन को लगी तो उनके होश उड़ गए। सीतापुर पुलिस और प्रशासन उनकी लोकेशन लेने में लग गई। रात का समय होने से पुलिस को काफी परेशानी भी हुई।
आखिरकार सुबह तकरीबन 4 बजे प्रियंका गांधी को हरगांव कस्बे से सीओ सिटी पीयूष सिंह ने महिला पुलिस की मदद से रोका। रोके जाने के बाद प्रियंका ने पुलिस को खूब खरी-खरी भी सुनाई। काफी मशक्कत के बाद प्रियंका को हरगांव से लाकर पीएसी की द्वितीय वाहिनी में रखा गया। वहीं प्रियंका के साथ दूसरी गाड़ी से जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को भी पुलिस ने रोक लिया।