लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा-तेजी से दर्ज करें गवाहों के बयान, सभी को रखें सुरक्षा घेरे में
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद के तिकुनिया में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई कर कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिए हैं कि घटना के गवाहों के बयान तेजी से दर्ज किए जाए। साथ ही उन्हें सुरक्षा के घेरे में रखा जाए। इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को लखीमपुर हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप और एक श्याम सुंदर की हत्या की जांच पर जवाब दाखिल करने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई आठ नवंबर को करेगा।

मामले में कोर्ट कहना है कि इस घटना के दौरान 4-5 हजार लोग मौजूद थे। ये सभी लोग स्थानीय थे। साथ ही ज्यादातर लोग आंदोलन करते रहे। हमें यही जानकारी दी गई है। फिर ऐसे में उनकी पहचान में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। कोर्ट को यूपी सरकार ने बताया है कि लोगों ने कार और कार के अंदर मौजूद लोगों को देखा है।
यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा है कि 30 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने हो चुके हैं। उनमें 23 प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं। कुछ ही लोग दूसरे राज्य के थे। जो सबसे नजदीक थे, उनकी गवाही अहम है। मैं चाहता हूं कि कोर्ट कुछ गवाहों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान को देखे।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वहां जुटी भीड़ में बहुत से लोग सिर्फ तमाशबीन रहे होंगे। गंभीर गवाहों की पहचान ज़रूरी है। क्या कोई गवाह घायल भी है? वीडियो का परीक्षण जल्दी करवाइए। नहीं तो हमें लैब को निर्देश देना होगा। गवाहों की सुरक्षा भी जरूरी है। हमने राज्य सरकार की तरफ से दाखिल रिपोर्ट देखी है। जांच में प्रगति हुई है। हम गवाहों की सुरक्षा का निर्देश देते हैं। सभी गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सने दर्ज करवाए जाएं।