लखनऊ: लड़कियों की सुरक्षा के नाम पर अंबेडकर यूनिवर्सिटी का हॉस्टल बना कैदखाना !

लखनऊ की अंबेडकर यूनिवर्सिटी. पिछले दिनों चर्चा में आई थी. क्यों? क्योंकि यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ने वाली लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया था. अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखी थीं.

इन लड़कियों की कोई ज्यादा बड़ी मांग नहीं थी. ये बस इतना चाहती थीं कि इनके हॉस्टल के कर्फ्यू टाइम को रात 8 बजे से बढ़ा दिया जाए.

दरअसल, यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को रात 8 बजे के बाद बाहर निकलने पर रोक है. वहीं हॉस्टल में रहने वाले लड़कों पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं है.

वो जब चाहें, तब हॉस्टल से बाहर निकलकर कहीं भी आ जा सकते हैं. लड़कियों को तो 8 के बाद लाइब्रेरी, जो यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही है, वहां पर बैठकर पढ़ने तक की परमिशन नहीं थी.

कुछ दिनों पहले लड़कियों ने प्रदर्शन किया. फिर प्रशासन ने एक नियम बनाया. वो ये कि अगर लड़कियां चाहें तो 8 के बाद 10 बजे तक बाहर रह सकती हैं. लेकिन इसके लिए इन्हें एक आवेदन देना होगा.

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और उस आवेदन में वो कहां जा रही हैं, कब आएंगी… ये सब लिखना होगा. साथ ही अपने पैरेंट्स का नाम और नंबर भी लिखना होगा.

हमने यहां पढ़ने वाली एक लड़की प्रेमा (नाम बदल दिया गया है) से बात की. उसने बताया कि वो 10 बजे तक लाइब्रेरी में पढ़ाई करती है. इसके लिए उसे आवेदन देना होता है वार्डन को. उसमें पैरेंट्स का नाम और नंबर भी लिखना होता है. कई बार वार्डन उसके पैरेंट्स को कॉल भी करती हैं. और कहती हैं कि लड़की अपनी रिस्क पर जा रही है.

अंबेडकर यूनिवर्सिटी पहुंचकर वहां से स्टूडेंट्स से बातचीत की गई. जिसमें लड़कियों के हॉस्टल की टाइमिंग पर भी बात हुई. यूनिवर्सिटी की लड़कियों ने बताया कि सुरक्षा के नाम पर उनके ऊपर पाबंदियां लगाई जाती है, जबकि वहीं लड़कों को आराम से घूमने की आजादी है.

 

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