यात्रीगण कृपया ध्यान दें… आप किराए में मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दें!

रेल किराएनई दिल्ली। पीएम मोदी ने लोगों से एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी, उसी तर्ज पर भारतीय रेल अगले महीने से यात्रियों से रेल किराए में मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की अपील करेगा। इसमें 100 फीसदी सब्सिडी छोड़ने या 50 फीसदी सब्सिडी छोड़ने की अपील होगी। साथ ही कोई सब्सिडी न छोड़ने का विकल्प भी होगा। हालांकि इस पर विचार काफी पहले से हो रहा था। फिर भी अचानक यह फैसला लेने के पीछे 950 रुपये का एक चेक है।

रेलवे फिलहाल रेल किराए पर 43 फ़ीसदी की सब्सिडी देता है। रेलवे की तरफ से सब्सिडी छोड़ने के लिए टिकट बुक कराते समय तीन विकल्प मिलेंगे। इसमें 100 फीसदी सब्सिडी छोड़ने या 50 फीसदी सब्सिडी छोड़ने की अपील होगी। इसमें तीसरा ऑप्शन होगा कि आप कोई सब्सिडी नहीं छोड़ना चाहते।

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सब्सिडी देता है रेलवे

इसकी तैयारी भारतीय रेल लंबे समय के कर रहा था। लेकिन डर था लोगों की नाराज़गी का। फिर भी अचानक यह फैसला लेने के पीछे 950 रुपये का एक चेक है। भारतीय रेल को एक पैसेंजर ने 950 रुपये का चेक भेजा है। जब आप रेलवे रिज़र्वेशन कराते हैं तो आपके टिकट पर लिखा होता है, ‘क्या आप जानते हैं कि आपके किराये का 43 फ़ीसद देश के आम नागरिक वहन करते हैं’ यानी कि रेल मुसाफिरों के सफर पर रेलवे 43 फ़ीसदी की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी आम जनता के टैक्स के पैसे से दी जाती है। 950 रुपये के इस ऐतिहासिक चेक के पीछे भी यही कहानी है।

रेल किराए का नया गणित यूं समझें

मान लीजिए आप दिल्ली से हावड़ा के बीच सुपरफास्ट ट्रेन के स्लीपर क्लास का टिकट बुक कराते हैं तो इसका किराया अभी 630 रुपए है। अगर आप रेलवे की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी छोड़ते हैं तो आपको इसके लिए 1110 रुपये चुकाने होंगे। मतलब आप पर 480 रुपए का नया ‘टैक्स’ लग सकता है। एसी 3 क्लास के लिए पूरी सब्सिडी छोड़ने पर 1670 की जगह 2930, एसी 2 क्लास के लिए पूरी सब्सिडी छोड़ने पर 2425 रुपये की जगह 4255 रुपये और एसी 1 के लिए 4165 की जगह 7310 रुपये चुकाने होंगे।

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रेलमंत्री को चिट्ठी के साथ भेजा कैश

फरीदाबाद के अवतार सिंह खेर ने 18 मई को दिल्ली से जम्मू राजधानी का टिकट लिया। जब उन्होंने टिकट पर भी 43 फ़ीसद सब्सिडी की बात लिखी देखी तो उन्हें खयाल आया कि रेलवे को ये पैसे वापस कर देने चाहिए। अवतार सिंह को लगा कि यह लाभ केवल उन लोगों को लेना चाहिए जो आर्थिक रूप से बहुत सक्षम नहीं हैं। फिर अवतार सिंह ने हिसाब लगाया कि उन्हें टिकट पर कितने रुपये की छूट मिली है। यह रकम निकली 950 रुपये की। उसके बाद उन्होंने रेलमंत्री के नाम एक चिट्ठी लिखी और 950 रुपये के चेक के साथ रेलमंत्री को भेज दी।

एसी 3 पर पड़ेगा असर

यह चेक आईआरसीटीसी के नाम पर है। अब रेलवे के सामने ये समस्या है कि न तो ‘आईआरसीटीसी’ के नाम से कोई बैंक खाता है और न ही कानूनन भारतीय रेल इस पैसे को वापस ले सकता है। इसलिए भारतीय रेल गैस सब्सिडी के तर्ज़ पर किराये पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की अपील करने की योजना बनाई है। लेकिन सब्सिडी छोड़ने की इस योजना का सबसे ज्यादा नुकसाल एसी3 के मुसाफिरों को होगा। क्योंकि रेल किराए पर भले ही रेलवे को 43 फ़ीसदी का नुकसान हो रहा है लेकिन रेलवे को मुनाफ़ा केवल एसी3 के मुसाफिर ही देते हैं।

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अलग-अलग क्लास को रेलवे किराये पर मिलने वाली सब्सिडी पर गौर करें तो…

स्लीपर क्लास से करीब 34 फीसदी का नुकसान।

चेयर कार से करीब 16 फीसदी का नुकसान होता है।

रेलवे को केवल एसी 3 क्लास के सवारियों को ढोने में फायदा होता है जो कि क़रीब 7 फीसद का फायदा है।

सब अर्बन ट्रेन पर 64 फ़ीसद का नुकसान उठाना पड़ता है।

जबकि नॉन सब अर्बन ट्रेन के सवारी डिब्बों पर 40 फ़ीसद का नुकसान।

एसी-1 पर करीब 24 फीसदी का नुकसान।

एसी 2 पर करीब 27 फीसदी नुकसान।

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